
बीएनटी न्यूज़
लखनऊ। अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सारे आतंकी नहीं मारे जाते, तब तक यह ऑपरेशन सफल नहीं हो सकता है। इसके अलावा, उन्होंने सैन्य अधिकारियों के लिए जातिसूचक शब्द प्रयोग करने पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव की आलोचना भी की।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएनटी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “रामगोपाल यादव ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का अपमान किया। उनके लिए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। भारतीय जनता पार्टी ने भी सेना का अपमान किया है क्योंकि उनके मंत्री ने भारतीय सैन्य अधिकारी पर अभद्र टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार के मंत्री पर केस दर्ज कराने का जो आदेश दिया है, उसका देश सराहना कर रहा है। भारत का संविधान किसी को जातिवादी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं देता है। लोगों को इससे बचना चाहिए।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा था, “मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई घटिया व शर्मनाक टिप्पणी पर हाई कोर्ट मध्य प्रदेश ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने एवं आपराधिक मुकदमा चलाए जाने के आदेश का स्वागत करता हूं। उच्च न्यायालय के इस निर्णय से जहां एक ओर सेना का सम्मान बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर देश की महिलाओं के सम्मान की भी रक्षा हुई है।”
इसके अलावा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऑपरेशन सिंदूर की पूर्ण सफलता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस तरह से अचानक सीजफायर की घोषणा से शक पैदा होता है।
कर्नाटक के विधायक ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिखावा करने का आरोप लगाया, इस पर मौर्य ने कहा, “दो दिन के अंदर ही युद्धविराम की घोषणा से देश अचंभित है। सारे आतंकियों को ढेर किए बिना संघर्षविराम की घोषणा से केंद्र सरकार कटघरे में खड़ी है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का मतलब तब था जब सारे आतंकी मारे जाते। सीजफायर की घोषणा साबित करती है कि यह कहीं न कहीं एक मिली-जुली नूराकुश्ती थी। सिर्फ एक विधायक ही नहीं, बल्कि देश के लोग भी यह सवाल उठा रहे हैं। आतंकियों को मार गिराए बिना ऑपरेशन सिंदूर कैसे सफल हो सकता है?”