
बीएनटी न्यूज़
लखनऊ। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि कांग्रेस के दबाव की वजह से केंद्र सरकार देश में जाति-जनगणना कराने के लिए मजबूर हो गई। बुधवार को केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि देश में जाति-जनगणना कराई जाएगी। इस फैसले के बाद से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य क्षेत्रीय दलों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
गुरुवार को बीएनटी न्यूज़ से बातचीत के दौरान, जाति जनगणना के श्रेय लेने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी केवल निर्णय की घोषणा की है। राहुल गांधी ने तो बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में एक पूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इसकी समयसीमा पर सवाल उठाया, और हम उनके और कांग्रेस पार्टी के निरंतर प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। यह हमारी निरंतर मांग थी जिसने सरकार को इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। भले ही उन्होंने आधे-अधूरे मन से इसे स्वीकार किया, लेकिन आखिरकार करना ही पड़ा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी श्रेय लेने की होड़ में शामिल नहीं होती है। हमारे लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव सबसे महत्वपूर्ण है जो 9 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में पारित किया गया था। हमारे नेता संसद के अंदर और बाहर जाति-जनगणना कराने को लेकर आवाज उठाते रहे। केंद्र सरकार को जाति-जनगणना कराने के लिए फैसला लेना पड़ा। यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की जीत है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जब हम लोग संसद में जाति-जनगणना का मुद्दा उठाते थे तो भाजपा के एक मंत्री ने तो सदन में इस बात से इनकार भी किया था कि जाति-जनगणना कराने का उनकी सरकार का कोई इरादा नहीं है।
जाति-जनगणना की घोषणा को कांग्रेस अपनी जीत मान रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कहा था ना, पीएम मोदी को ‘जाति जनगणना’ करवानी ही पड़ेगी, हम करवाकर रहेंगे! यह हमारा विजन है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार एक पारदर्शी और प्रभावी जाति जनगणना कराए। सबको साफ-साफ पता चले कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में किसकी कितनी भागीदारी है। जाति जनगणना विकास का एक नया आयाम है। मैं उन लाखों लोगों और सभी संगठनों को बधाई देता हूं, जो इसकी मांग करते हुए लगातार मोदी सरकार से लड़ाई लड़ रहे थे। मुझे आप पर गर्व है।“