
बंगाल : पंचायत नेता की हत्या के बाद 10 लोग जिंदा जले मिले, बीरभूम में उबाल
कोलकाता, 23 मार्च (बीएनटी न्यूज़)| पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बागुटी गांव में उप पंचायत प्रधान की हत्या के बाद कथित तौर पर भड़की हिंसा में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस सिलकसले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, दोनों ने घटना के पीछे राजनीतिक उद्देश्यों से इनकार किया है।
राज्य सरकार ने बागुटी घटना की जांच के लिए एडीजी, सीआईडी, ज्ञानवंत सिंह, डीआईजी, वेस्टर्न रेंज, संजय सिंह और डीआईजी, सीआईडी-ऑपरेशंस, मिराज खालिद के तहत एक विशेष जांच दल का गठन किया है।
रामपुरहाट के बागुटी की घटनाएं पश्चिम बंगाल के हाल के इतिहास में अभूतपूर्व हैं, जो वाम मोर्चा शासन के अंतिम वर्षो के दौरान नंदीग्राम में 14 लोगों की मौत से संबंधित हैं। सोमवार की रात बागुटी गई दमकल कर्मियों ने तीन शव बरामद किए, जबकि बाकी सात शव मंगलवार सुबह मिले।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा, “भयावह हिंसा और आगजनी का तांडव। रामपुरहाट, बीरभूम इंगित करता है कि राज्य हिंसा संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। आठ लोगों की जान चली गई। मुख्य सचिव से घटना पर तत्काल अपडेट मांगा है। मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ है।”
“पश्चिम बंगाल में मानवाधिकारों का ह्रास हो रहा है और कानून का शासन चरमरा गया है।”
स्थानीय नेताओं ने दावा किया कि मरने वालों में छह महिलाएं और दो बच्चे हैं।
हालांकि, पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने कहा कि आगजनी के पीछे कोई राजनीतिक मकसद अभी तक स्थापित नहीं किया जा सका है।
मालवीय ने कहा, “एक परिवार के सात लोग मारे गए। एक अन्य व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। अब तक 11 गिरफ्तारियां की गई हैं। हम घटना के पीछे कोई राजनीतिक मकसद स्थापित नहीं कर पाए हैं। व्यक्तिगत दुश्मनी संभावित कारण हो सकती है। एसआईटी ने यह जांच करने के लिए गठित किया गया है कि क्या ग्रामीणों ने (पंचायत नेता भादू शेख की) हत्या के बाद घरों में आग लगा दी थी।”
उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि आगजनी तृणमूल पंचायत पदाधिकारी की हत्या के एक घंटे के भीतर की गई।
बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्रनाथ त्रिपाठी ने कहा, “इस समय हम पुष्टि नहीं कर सकते कि आग तृणमूल नेता की हत्या से जुड़ी है या नहीं।”
तृणमूल जिला नेतृत्व ने यह भी दावा किया कि पंचायत नेता की हत्या और आगजनी की घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है।
तृणमूल जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने कहा, “मुझे बताया गया है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी, जिससे एक टेलीविजन सेट में विस्फोट हो गया, आग और तीन-चार घरों में फैल गई। फायर ब्रिगेड तुरंत वहां गई। एक पुलिस टीम गांव गई है, उन्हें जांच करने दीजिए।”
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना पर केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की। उधर, माकपा ने इस घटना को नरसंहार बताया है।
अधिकारी ने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था तेजी से बिगड़ रही है। पंचायत उपप्रधान की हत्या के बाद तनाव और आतंक ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट क्षेत्र को जकड़ लिया है। भादू शेख की कथित तौर पर कल शाम एक बम हमले में मौत हो गई थी। गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की और बाद में कई घरों में आग लगा दी।”
उन्होंने आगे लिखा, “रातभर की बर्बरता के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। जले हुए शव अभी तक बरामद किए जा रहे हैं। शवों की संख्या कम करने के प्रयासों के साथ प्रशासनिक कवर पहले ही शुरू हो चुका है। तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।”