
योगी आदित्यनाथ ने कार्यकारिणी की बैठक में पेश किया राजनीतिक प्रस्ताव, 18 महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र
नई दिल्ली, 8 नवंबर (बीएनटी न्यूज़)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नई दिल्ली में चल रहे भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया। योगी द्वारा पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में 18 महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया गया । तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने राजनीतिक प्रस्ताव का समर्थन किया। कार्यकारिणी की बैठक में पारित हुए राजनीतिक प्रस्ताव के बारे में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए राजनीतिक प्रस्ताव में 18 महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया गया, जिसका समर्थन पार्टी के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष ने किया।
राजनीतिक प्रस्ताव पेश करने के लिए योगी आदित्यनाथ का चयन क्यों किया गया, इसके बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि योगी आदित्यनाथ हमारी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं। देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लोकसभा सांसद रहे हैं और उन्होंने कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए शानदार काम किया है तो राजनीतिक प्रस्ताव पेश करने के लिए उनको क्यों नहीं बुलाना चाहिए ?
निर्मला सीतारमण ने बताया कि किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर, प्रमोद सावंत, एन बीरेन सिंह , पुष्कर धामी और अश्विनी वैष्णव ने भी योगी द्वारा पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा लिखित में भी कई सदस्यों ने राजनीतिक प्रस्ताव पर अपनी-अपनी बात रखी।
राजनीतिक प्रस्ताव में आए 18 महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण ने कहा टीकाकरण के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की इमेज मजबूत हुई लेकिन देश के अंदर सिर्फ विपक्षी दलों ने इस पर सवाल खड़ा किया। 100 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर प्रस्ताव में सरकार की प्रशंसा की गई है। विदेश में पर्यावरण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को पीएम द्वारा पंचामृत के तौर पर रखने के पीएम की पहल की जमकर तारीफ प्रस्ताव में की गई है।
योगी द्वारा पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में वन नेशन वन राशन कार्ड और 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में तेजी से हो रहे विकास की रफ्तार और नतीजों का भी जिक्र किया गया है। कोरोना काल में देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दिए जाने के पीएम अन्न योजना का भी जिक्र राजनीतिक प्रस्ताव में है।
भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की वजह से कैसे युवाओं को रोजगार मिल रहा है । पीएम मोदी की अगुवाई में डिजिटल और डीबीटी के जरिए कैसे भ्रष्टाचार को खत्म किया जा रहा है और सभी घरों में शौचालय एवं स्वच्छ भारत अभियान का महिलाओं पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों का जिक्र भी राजनीतिक प्रस्ताव में किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 1.53 लाख करोड़ रुपये की धनराशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है। एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाया गया , किसान क्रेडिट कार्ड बांटा गया, हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुंचाई गई। गांवों में इंफ्रास्ट्रक्च र को बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसान के हितों में उठाए गए कदमों का जिक्र भी राजनीतिक प्रस्ताव में किया गया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में आने वाले राज्यों के चुनाव को लेकर चर्चा हुई। बूथ स्तर तक काम करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही हाल ही में हुए केरल, असम और पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।
प्रस्ताव में बंगाल हिंसा का पुरजोर खंडन करते हुए कहा गया है कि पार्टी हर कार्यकर्ता के साथ खड़ी है और पार्टी अदालत के माध्यम से हर पीड़ित को न्याय दिलाएगी।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि राजनीतिक प्रस्ताव में आत्मनिर्भर पैकेज और आजादी के अमृत महोत्सव का भी जिक्र किया गया।
सरकार की उपलब्धियों और विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने लोगों के बीच काम करने की बजाय ट्विटर के जरिए माहौल को खराब करने का काम किया है। प्रधानमंत्री विदेश में भारत की छवि बनाने का काम कर रहे हैं जबकि विपक्ष उसे खराब करने में लगा है।
महिला आरक्षण को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से पहले 10 साल तक वो ही सत्ता में थे , तब उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया।
किसान आंदोलन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम लगातार पूछ रहे हैं कि वो बताएं इसमें कमी कहां है ? हमने तो उनसे बातचीत भी की है और हमेशा करने को तैयार हैं।