बीएनटी न्यूज़
उज्जैन। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने उज्जैन के क्षिप्रा नदी पर स्थित राम घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। यहां के पुजारियों के अनुसार, आज के दिन स्नान करने का बहुत महत्व है। खासतौर पर आज के दिन दान करने से पुण्य मिलता है।
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम की तरह क्षिप्रा नदी का महत्व भी काफी ज्यादा है। इसलिए बुधवार को यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए थे। प्रशासन द्वारा लगातार श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे गहरे पानी में न उतरे। प्रशासन ने मौके पर तैराक दल और होमगार्ड जवान की ड्यूटी लगाई है।
श्री राम घाट के पंडित महेंद्र जोशी ने बताया कि माघ की मौनी अमावस्या है। प्रयागराज में 144 साल बाद यह पर्व आया है। श्री राम घाट की महिमा भी बेहद खास है। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु यहां पर प्रयागराज की त्रिवेणी संगम का स्मरण कर स्नान करते हैं, तो उन्हें प्रयागराज में नहाने का फल ही प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि सुबह 4 बजे ही लोग यहां पर स्नान करने के लिए पहुंचने लगे थे। यहां पर प्रशासन ने भी उचित व्यवस्था की है।
घाटों पर श्रद्धालुओं ने भी शांति बनाए रखी। किसी भी तरह से कोई जल्दबाजी देखने को नहीं मिली। क्षिप्रा नदी में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की।
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा घाट के अलावा नर्मदा के सेठानी घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। गरीबों में दान किया गया। श्रद्धालुओं के अनुसार आज दान करने का काफी महत्व है। इसे पितरों की तृप्ति मिलती है। इसलिए भारी संख्या में लोग आज स्नान करने के लिए घाटों पर आते हैं। स्नान करने से दोष भी दूर होते हैं।