
बीएनटी न्यूज़
मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संदर्भ में कहा कि हम उनके साथ हर स्तर पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। अगर वे चौपाल लगाकर हमारे साथ चर्चा करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं, अगर वे मुंबई आना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं। कुल मिलाकर हम उनके साथ हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हमें कोई आपत्ति नहीं है।
मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि यह सदन नहीं, बल्कि चुनाव आयोग का मुद्दा है। वोटिंग लिस्ट को तैयार करना, उसमें कितने नामों को दर्ज करना है, कितनों को हटाना है, यह सब कुछ चुनाव आयोग की तरफ से तय किए जाते हैं। इसमें कोई तीसरा व्यक्ति किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के संदर्भ में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के सामने जो भी शंका व्यक्त की थी, उन सभी शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहें तो इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के पास या सुप्रीम कोर्ट के पास जा सकते हैं, लेकिन वे वहां नहीं जाना चाहते हैं, बल्कि इसके विपरीत वे इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि अपने पक्ष में राजनीतिक माहौल बना सकें।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को किसी भी बात पर ध्यान दिए बगैर अब आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाना चाहिए। आप हमें (भाजपा) ही देख लीजिए। किस तरह से हमें लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन, इसके बाद हमने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। हमने जीत दर्ज करके प्रदेश में सरकार बनाई। लोकसभा चुनाव में मिली हार से हमने सबक लिया। हमने अपनी गलतियों को ढूंढकर उसे सुधारने का प्रयास किया। जिसका यह नतीजा हुआ कि हम अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे। जब आप किसी चुनाव में हार जाते हैं, तो एक अच्छे राजनेता के रूप में यह आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप अपने अंदर की खामियों की वजह पहचानें, आप यह पता करें कि गलती कहां हो गई। इसके बाद आप उसे सुधारें। निश्चित तौर पर आप अच्छा प्रदर्शन करने में सफल होंगे। लेकिन, यह दुर्भाग्य की बात है कि राहुल गांधी सीखना ही नहीं चाहते हैं। वे अभी भी ईवीएम और मतदाता सूची में अटके हुए हैं। वे किसी भी प्रकार से सीखने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के नेता का यह कर्तव्य बनता है कि वे देश के विकास को लेकर सत्ताधारी दल को सुझाव दें। लेकिन, आज तक राहुल गांधी देश के विकास के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी प्रकार का सुझाव नहीं दिया। उन्होंने हमेशा ही राजनीतिक माहौल को विषाक्त करने की कोशिश की।
उन्होंने ‘छावा’ फिल्म को लेकर भी अपनी बात रखी। कहा कि छावा फिल्म को देखने वाला एक भी व्यक्ति औरंगजेब को किसी भी कीमत पर सपोर्ट नहीं कर सकता है। इस देश में औरंगजेब की कहीं पर भी कब्र नहीं होनी चाहिए। यह पूरे देश और महाराष्ट्र की भावना है।
उन्होंने बजट को लेकर कहा कि इसमें समाज के सभी लोगों का हित समाहित है। बजट में सभी के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है। किसी को भी अनदेखा नहीं किया गया है। आदिवासी और सामाजिक न्याय में हमारी सरकार ने बजट में बड़ी बढ़ोतरी की है। सरकार ने किसानों के लिए बिजली पंप के बिल माफ कर दिए। सरकार किसानों से एक पैसा भी नहीं लेगी। ‘लाडली बहना योजना’ को लेकर जो भी प्रावधान थे, उसे हमने पूरा किया। यह बात सही है कि हम बहुत जल्द ही इसकी रकम को 2100 रुपये करने वाले हैं। इसके लिए जो भी व्यवस्था है, सरकार उसे जल्द ही पूरा करने वाली है। हमने अब तक जो भी वादा किया था, उसे पूरा किया है और आगे भी करते रहेंगे, हम जनता के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। हमारी सरकार महाराष्ट्र की जनता के लिए काम करेगी।