
बीएनटी न्यूज़
देवास। शीतला सप्तमी के अवसर पर आज सुबह से ही देवास के विभिन्न मंदिरों में महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई, जो शीतला माता की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ीं। हिंदू धर्म में माता शीतला को सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। शीतला सप्तमी का पर्व होली के सात दिन बाद मनाया जाता है और इस दिन माता शीतला की खास पूजा की जाती है।
इस दिन विशेष रूप से शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, जो इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पूजा में हिस्सा लेने के लिए महिलाएं सुबह-सुबह मंदिरों पहुंची और अपने परंपरिक तरीके से माता की पूजा की। वहीं, मंदिरों में पूजा के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं जुटने के कारण पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की। मंदिरों के आसपास पुलिस बल तैनात है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो और शांति बनाए रखी जा सके।
देवास शहर के भगतसिंह मार्ग स्थित गोया में शीतला माता मंदिर पर महिलाओं ने सुबह से शीतला माता को ठंडे व्यंजनों का भोग लगाकर सुख-समृद्धि के साथ रोगों से मुक्ति की प्रार्थना की। माना जाता है कि माता शीतला अपने भक्तों को विभिन्न बीमारियों से रक्षा करती हैं। शीतला सप्तमी पर महिलाएं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माता की पूजा करती हैं और उनके आशीर्वाद से स्वास्थ्य व समृद्धि की कामना करती हैं।
सुनीता पुरोहित ने मीडिया को बताया कि शीतला माता की पूजा बच्चों के हिसाब से भी की जाती है। बच्चों को माता जी निकलती है, उनको ठंडा करना चाहिए, इसलिए ठंडी पूजा की जाती है। वहीं, इस दिन से गर्मी रहती है, इसलिए इसके बाद से ठंडा खाना नहीं खाना चाहिए। यह इस पूजा का महत्व है। यहां महिलाएं काफी संख्या में सुबह से ही पूजा के लिए लाइनों में लगी हैं।