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जर्मनी : क्या कहते हैं चुनाव परिणाम, आगे क्या होगा, कब तक बनेगी सरकार?

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अपडेटेड 24 फ़रवरी 2025, 11:36 PM IST
जर्मनी : क्या कहते हैं चुनाव परिणाम, आगे क्या होगा, कब तक बनेगी सरकार?
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बीएनटी न्यूज़

बर्लिन। रूढ़िवादी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) ने जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव में सफलता हासिल कर ली है, जिससे वे अगली गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने की राह पर हैं। नतीजे के बाद पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज संभवतः जर्मनी के अगले चांसलर होंगे। चुनाव परिणाम और आगे आने वाले राजनीतिक भविष्य पर एक नजर:

रूढ़िवादी और दक्षिणपंथी पार्टियां शीर्ष पर उभरीं:-

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यधारा की रूढ़िवादी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) ने अपनी सहयोगी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) के साथ 28.6 प्रतिशत वोट के साथ पहला स्थान हासिल किया।

अति दक्षिणपंथी, अप्रवासी विरोधी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) 20.8 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गई।

सतातरूढ़ सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) केवल 16.4 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही। निवर्तमान चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने ‘कड़वी’ हार को स्वीकार करते हुए कहा, ‘चुनाव परिणाम खराब रहे और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।’

जर्मनी की ग्रीन्स और अति वामपंथी डाई लिंके या द लेफ्ट पार्टी ने संसद में सीटें सुरक्षित करने के लिए 5 प्रतिशत की सीमा को पार कर लिया। ग्रीन्स को 11.6 प्रतिशत और डाई लिंके को 8.8 प्रतिशत वोट मिले।

सीडीयू/सीएसयू को जर्मन संसद बुंडेसटाग में 208 सीटें, एएफडी को 152, एसपीडी को 120, ग्रीन्स को 85 और लेफ्ट को 64 सीटें मिलने का अनुमान है।

जर्मनी के संभावित अगले चांसलर फ्रेडरिक मर्ज कौन हैं?

69 वर्षीय सीडीयू नेता एक करोड़पति वकील हैं। वे पहली बार 1989 में यूरोपीय संसद के लिए चुने गए थे और 2000 तक सीडीयू के संसदीय गठबंधन के अध्यक्ष बन गए।

साथी पार्टी सदस्य एंजेला मर्केल ने अंततः मर्ज को किनारे कर दिया। उन्होंने 2009 में संसद छोड़ दी और निजी क्षेत्र में चले गए। उन्होंने मेयर ब्राउन और ब्लैकरॉक जर्मनी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम किया।

मर्केल के देश की चांसलर के रूप में अपने 16 साल के लंबे कार्यकाल के बाद राजनीति से रिटायर होने पर 2022 में मर्ज को फिर से सीडीयू का नेता चुना गया।

एफडी की जीत क्यों है अहम?

अति दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी चुनाव में 20.8 फीसदी वोटों के साथ दूसरे नंबर रही। यह 2021 में उसको मिले समर्थन से दोगुना है। पार्टी संसद में 152 सीटें जीत सकती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह दूसरे विश्व युद्ध के अंत के बाद से जर्मनी में किसी दक्षिणपंथी दल का सबसे मजबूत प्रदर्शन है।

एएफडी का उदय उन मतदाताओं के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दिखाता है जो आप्रवासन और यूरोपीय संघ के आलोचक हैं, खासकर पूर्वी जर्मनी में, जहां इसने अन्य सभी पार्टियों से बेहतर प्रदर्शन किया।

एएफडी को गठबंधन में आमंत्रित किए जाने की संभावनाएं काफी कम हैं। इसके बावजूद, 46 वर्षीय एलिस वीडेल के नेतृत्व वाली पार्टी, अपनी जीत का जश्न मना रही है, क्योंकि एक समय हाशिये पर रहा दल अब यूरोपीय दक्षिणपंथ की मुख्यधारा में मजबूती से स्थापित हो गया है।

इन परिणामों से जर्मन संसद में एएफडी का प्रभाव और मजबूत होने की भी उम्मीद है।

और किन लोगों को बड़ी बढ़त मिली?

द लेफ्ट पार्टी को 8.8 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव से लगभग दोगुना है। इसने राजधानी बर्लिन में खास तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया और 19.9 प्रतिशत वोट के साथ सभी पार्टियों को पीछे छोड़ दिया। इससे यह बुंडेस्टाग में 64 सीटें जीतने की राह पर है।

पिछले साल वामपंथी दलों से अलग होकर बनी लोकलुभावन वामपंथी पार्टी सहरा वेगेनक्नेच अलायंस (बीएसडब्लूयू) को 4.97 प्रतिशत वोट मिले। यह बुंडेसटाग में सीटें जीतने के लिए ज़रूरी 5 प्रतिशत की बाधा से बस थोड़ा कम था।

आगे क्या होगा?

मर्ज अब गठबंधन सरकार बनाने का मुश्किल काम शुरू करेंगे। ऐसा करने के लिए, उन्हें 630 सदस्यीय बुंडेस्टैग में कम से कम 316 सीटें हासिल करनी होंगी। उन्होंने अति-दक्षिणपंथी एएफडी के साथ काम करने से इनकार कर दिया है। उनका सबसे अच्छा दांव संभवतः एसपीडी के साथ गठबंधन है, जो 328 सीटों तक पहुंचेगा।

सीडीयू/सीएसयू और एसपीडी ने अतीत में तथाकथित ग्रैंड गठबंधन के माध्यम से चार बार शासन किया है – 1966 और 1969 के बीच पश्चिम जर्मनी में, और मर्केल की चांसलरशिप के तहत देश के एकीकरण के बाद तीन बार।

मर्ज ग्रीन्स और लेफ्ट के साथ साझेदारी से बचना चाहेंगे। ग्रीन्स अमीरों और नवीकरणीय ऊर्जा पर ज़्यादा करों का समर्थन करती है, जबकि मर्ज कॉर्पोरेट कर कटौती और परमाणु ऊर्जा के पक्षधर हैं। वामपंथी भी अमीरों के लिए ज्यादा करों का समर्थन करते हैं और ढीली आव्रजन नीतियों की वकालत करते हैं, जो कि मर्ज के आव्रजन को रोकने और निर्वासन को बढ़ाने के रुख के विपरीत है।

यूरोप के सामने प्रमुख रक्षा चुनौतियों, खास तौर पर यूक्रेन में युद्ध को देखते हुए यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने जर्मन दलों से जल्दी से जल्दी गठबंधन बनाने की अपील की।

काजा कल्ला ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि वे इसे जल्द से जल्द करेंगे, क्योंकि हमें यूरोपीय स्तर पर उन निर्णयों के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत है जिनमें जर्मन भागीदारी की आवश्यकता है।”

मर्ज ने कहा कि उन्हें ईस्टर, 20 अप्रैल, 2025 तक नई सरकार बनाने की उम्मीद है।

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