![ट्रंप का गाजा प्लान एक ‘घोटाला’ : जर्मन चांसलर ने अमेरिकी राष्ट्रपति का सुझाव किया खारिज](https://bntonline.in/wp-content/uploads/2025/02/202412173282345.jpg)
बीएनटी न्यूज़
बर्लिन। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना की आलोचना करते हुए इसे ‘एक घोटाला’ बताया।
स्कोल्ज और विपक्षी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ 23 फरवरी को होने वाले बुंडेस्टाग चुनाव से पहले रविवार शाम को पहली टेलीविजन बहस में हिस्सा लिया था। इस दौरान ट्रंप के प्रशासन के तहत जर्मनी को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कैसे संबंध स्थापित करना चाहिए, चर्चा का एक अहम मुद्दा था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व के मुद्दे पर बात करते हुए स्कोल्ज ने ट्रंप के गाजा प्रस्ताव के खिलाफ अपना विरोध दोहराया
इससे पहले शुक्रवार को एक प्रचार अभियान कार्यक्रम में बोलते हुए स्कोल्ज ने अपनी असहमति जताते हुए कहा, “हमें गाजा की आबादी को मिस्र में फिर से नहीं बसाना चाहिए।”
रविवार की बहस के दौरान मर्ज ने भी ट्रंप के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए इसे ‘अमेरिकी प्रशासन के परेशान करने वाले प्रस्तावों’ में से एक बताया। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि जर्मनी को यह देखने के लिए इंतजार करना चाहिए कि अमेरिकी सरकार किन योजनाओं को ‘गंभीरता से’ आगे बढ़ाने का इरादा रखती है।
पिछले हफ्ते से ट्रंप लगातार गाजा को खाली कर उस पर कब्जे की बातें कर रहे हैं। उनके ‘गाजा प्लान’ की दुनिया भर में निंदा हो रही है लेकिन लगता है कि उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।
4 जनवरी को वाशिंगटन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना ‘गाजा प्लान’ पेश किया।
ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध से तबाह गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाए जाने के बाद इसे आर्थिक रूप से विकसित करेगा। उन्होंने गाजा का विकास करने का प्रस्ताव रखते वक्त यह स्पष्ट कहा था कि फिलिस्तीनियों का विस्थापन स्थायी होगा। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस में इस पर सफाई दी थी कि गाजा से कोई भी विस्थापन अस्थायी होगा।
ट्रंप ने गुरुवार को ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर अपना विचार दोहराया। उन्होंने लिखा, “लड़ाई के अंत में इजरायल गाजा पट्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दिया देगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन पर किसी अमेरिकी सैनिक की ज़रूरत नहीं होगी।
6 जनवरी को नेतन्याहू ने इजरायल के चैनल 14 के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य स्थापित किया जा सकता है। वहां उनके पास बहुत सारी जमीन है।”
ट्रंप और नेतन्याहू दोनों की टिप्पणियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध बढ़ा दिया है। कई देशों ने फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से निकालने और दो-राज्य के समाधान के लिए उनके समर्थन को नकारा है।