BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   मंगलवार, 08 अप्रैल 2025 03:47 AM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. आईपीएल 2025 : आरसीबी ने मुंबई इंडियंस को 12 रन से हराया, 10 साल बाद वानखेड़े में मिली जीत
  2. पुर्तगाल के राष्ट्रपति से मिलीं द्रौपदी मुर्मू, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर
  3. न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम : पूर्व चेयरमैन हिरेन भानु ने हितेश मेहता को ठहराया दोषी
  4. बरनाला में विशाल किसान रैली का आयोजन, जगजीत सिंह डल्लेवाल का पंजाब सरकार पर हमला
  5. अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के वीर शहीदों के परिजनों को सौंपे अनुकंपा नियुक्ति पत्र
  6. सीएम ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, कहा- ‘सरकार लोगों की जेब से पैसे निकाल रही’
  7. प्रधानमंत्री मोदी 9 अप्रैल को नई दिल्ली में ‘नवकार महामंत्र दिवस’ के कार्यक्रम में लेंगे भाग
  8. राहुल गांधी ने समझा बिहार का दर्द : एनएसयूआई
  9. सीएम ममता पर सुवेंदु अधिकारी का आरोप, ’26 हजार शिक्षकों को बनाया बेरोजगार’
  10. 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपए बढ़ी, 8 अप्रैल से प्रभावी
  11. 14 से 25 अप्रैल तक ‘बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर स्वाभिमान अभियान’ चलाएगी भाजपा
  12. पटना : राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा, दो गुट आपस में भिड़े
  13. हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी
  14. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने राहुल गांधी की यात्रा को ‘फैशनेबल यात्रा’ करार दिया
  15. राजद पर दबाव बनाने के लिए राहुल गांधी कर रहे बिहार की यात्रा : शाहनवाज हुसैन

नेपाल : जंगल की आग बनी मुसीबत, कई लोग झुलसे

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 07 अप्रैल 2025, 6:33 PM IST
नेपाल : जंगल की आग बनी मुसीबत, कई लोग झुलसे
Read Time:3 Minute, 3 Second

बीएनटी न्यूज़

काठमांडू। नेपाल के जंगलों में आग लगने के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसके कारण अस्पतालों में घायलों की संख्या में भी चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, नेपाल का क्लेफ्ट एंड बर्न सेंटर, जिसे कीर्तिपुर अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है। यहां सबसे ज्यादा जलने से घायल मरीजों का इलाज होता है, वहां मामलों की संख्या बढ़ गई है। इस कारण, हर दिन कई मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है।

अस्पताल की निदेशक डॉ. किरण नकारमी ने कहा, “हम जले हुए मरीजों के इलाज के लिए अन्य वार्डों के बिस्तरों का भी उपयोग कर रहे हैं, लेकिन वो भी पर्याप्त नहीं हैं। इस कारण, हमें गंभीर रूप से जले हुए मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजना पड़ता है।”

काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संकट को और बढ़ाते हुए देश में गंभीर प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी बीमारियां भी बढ़ रही हैं, जो एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता बन गई हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में आग लगने और कृषि फसलों के अवशेष जलाने से हवा में धुआं बढ़ रहा है, जिससे काठमांडू घाटी में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।

इसमें यह भी कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन ने मौसम के पैटर्न को और बिगाड़ दिया है, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है।

रिपोर्टों से पता चलता है कि चुरे के जंगलों समेत कई जगहों पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं, पराली जलाना, अन्य अपशिष्ट जलाना, घरों में आग लगना और ईंट भट्टों का संचालन, इन सभी कारणों से घाटी में वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है।

पिछले एक सप्ताह से काठमांडू दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है, जहां पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 348 तक पहुंच गया है।

काठमांडू के कई सामान्य अस्पतालों ने श्वास संबंधित समस्याओं और अन्य श्वसन बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की बात कही है।

बीर अस्पताल के निदेशक डॉ. दिलीप शर्मा ने कहा, “पिछले कुछ दिनों के मुकाबले सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या दो गुना बढ़ गई है और इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण है।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *