BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   बुधवार, 23 अप्रैल 2025 02:28 AM
  • 26.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. पहलगाम आतंकी हमले में 16 की मौत, गृह मंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक
  2. अखिलेश यादव का भाजपा पर तंज, ‘एक फेज में चुनाव तक नहीं करा पाते’
  3. राजनाथ सिंह, खड़गे समेत तमाम नेताओं ने की पहलगाम हमले की निंदा, कहा- ‘कायरतापूर्ण और अत्यंत निंदनीय’
  4. निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव पर राहुल गांधी के एक-एक दावे का तथ्यों के साथ किया खंडन
  5. पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग से मुझे ईर्ष्या होती है : अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस
  6. मल्लिकार्जुन खड़गे को बिहार में कोई नहीं जानता है : गोपाल मंडल
  7. पश्चिम बंगाल में हिन्दू डरे हुए हैं, उनको वोट तक नहीं डालने देते : गिरिराज सिंह
  8. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने परिवार संग देखा जयपुर का आमेर किला, राजस्थानी संस्कृति का लिया आनंद
  9. पहलगाम आतंकी हमला : पीएम मोदी बोले, ‘आतंकियों का एजेंडा सफल नहीं होगा’
  10. राष्ट्रपति मुर्मू ने पहलगाम हमले की निंदा की, बताया ‘दर्दनाक और अमानवीय’ कृत्य
  11. जम्‍मू-कश्‍मीर : पहलगाम आतंकी हमले में एक पर्यटक की मौत, 12 घायल, सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘स्तब्ध हूं’
  12. आईपीएल 2025 : प्रसिद्ध-राशिद की गेंदबाजी ने केकेआर को 159 पर रोका, गुजरात टाइटंस की 39 रनों से जीत
  13. दिल्ली एमसीडी चुनाव : आप ने मेयर चुनाव से बनाई दूरी, कांग्रेस ने लगाया भागने का आरोप
  14. चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को ईसी के पूर्व अधिकारी ने बताया बचकाना
  15. पीएम मोदी ने दिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार

समझौते में रोड़ा, अफगान राष्ट्रपति ने तालिबान बंदियों की रिहाई से मना किया

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 02 मार्च 2020, 9:41 AM IST
समझौते में रोड़ा, अफगान राष्ट्रपति ने तालिबान बंदियों की रिहाई से मना किया
Read Time:3 Minute, 1 Second

काबुल, (आईएएनएस)| अफगान तालिबान और अमेरिका के बीच समझौता होने के 24 घंटे के अंदर ही इसके रास्ते की बाधाएं सामने आने लगी हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि समझौते में शामिल तालिबान बंदियों की रिहाई के प्रावधान को लागू करने पर वह कोई प्रतिबद्धता नहीं जता सकते। अमेरिका और तालिबान के बीच शनिवार को कतर के दोहा में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें तय हुआ है कि अगले 14 महीनों में विदेशी सेनाएं अफगानिस्तान छोड़ देंगी। इसकी शर्त यह भी है कि तालिबान अफगान भूमि का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देंगे और अफगानिस्तान में व्यापक व स्थायी शांति के लिए अफगान सरकार के साथ वार्ता में शामिल होंगे।

गनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हिंसा में कमी के समझौते के बिंदु पर अमल जारी रखा जाएगा जिसका लक्ष्य पूर्ण युद्धविराम है। जनरल (स्कॉट) मिलर (अफगानिस्तान में विदेशी सेना के प्रभारी अमेरिकी कमांडर) ने कहा है कि तालिबान ऐसा करेंगे। इसकी उम्मीद है।”

लेकिन, समझौते की राह की बाधाओं की ओर संकेत करते हुए गनी ने समझौते के इस प्रावधान पर अपनी प्रतिबद्धता नहीं जताई कि तालिबान अपने कब्जे से एक हजार बंदी छोड़ेंगे और अफगान सरकार पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा करेगी।

गनी ने कहा, “पांच हजार बंदियों को रिहा करने के बारे में (हमारी) कोई प्रतिबद्धता नहीं है। यह अफगानिस्तान के लोगों का अधिकार और उनकी खुद की इच्छा पर निर्भर है। यह मुद्दा अफगानिस्तानियों के बीच होने वाली बातचीत के एजेंडे का हिस्सा हो सकता है लेकिन इस बातचीत की पूर्व शर्त नहीं।”

उन्होंने कहा, “किसी भी बंदी की रिहाई का अधिकार अफगान सरकार के पास है, ना कि अमेरिका के पास।”

गनी राष्ट्रपति पद के चुनाव में फिर से निर्वाचित हुए हैं लेकिन इस चुनाव पर कई तरह के प्रश्न उठे हैं। नतीजा यह हुआ है कि गनी नए कार्यकाल के लिए अभी शपथ नहीं ले सके हैं। अमेरिका ने भी अभी तक गनी के पुनर्निर्वाचन को मान्यता नहीं दी है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *