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ओम बिरला ने ब्रिक्स फोरम में ईरान के स्पीकर से मुलाकात की, चाबहार बंदरगाह के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने पर चर्चा हुई

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अपडेटेड 06 जून 2025, 11:51 AM IST
ओम बिरला ने ब्रिक्स फोरम में ईरान के स्पीकर से मुलाकात की, चाबहार बंदरगाह के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने पर चर्चा हुई
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बीएनटी न्यूज़

ब्रासीलिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच के दौरान ईरान की संसद (मजलिस) के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद बाघेर ग़ालिबफ से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत और ईरान के बीच पुराने और दोस्ताना रिश्तों पर बातचीत की।

उनकी बातचीत का मुख्य विषय भारत और ईरान के रिश्तों को मजबूत करना था। इसमें चाबहार बंदरगाह का भी ज़िक्र हुआ, जो दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और अन्य क्षेत्रों के साथ संपर्क बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी बातचीत की मुख्य बातें साझा कीं।

ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्रासीलिया में 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच के दौरान ईरान की संसद (मजलिस) के अध्यक्ष, महामहिम डॉ. मोहम्मद बाघेर ग़ालिबफ़ से गर्मजोशी से बातचीत हुई। इस मुलाकात में भारत और ईरान के पुराने और दोस्ताना संबंधों पर चर्चा हुई। बातचीत में चाबहार बंदरगाह के जरिए आपसी संपर्क बढ़ाने, संसदीय सहयोग मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने पर विशेष ध्यान दिया गया।”

उन्होंने आगे कहा, “आतंकवाद से मुकाबले के लिए वैश्विक स्तर पर मिलकर ठोस प्रयास करने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया गया और इस दिशा में ईरान के सहयोग की सराहना की गई। इसके साथ ही, भारत की यह प्रतिबद्धता दोहराई गई कि वह कानूनी उपायों, तकनीकी सुधारों और संबंधित एजेंसियों के बेहतर तालमेल के ज़रिए आतंकवाद से सख्ती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। डॉ. ग़ालिबफ़ को 2026 में भारत में होने वाले ब्रिक्स संसदीय मंच में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया गया।”

बिरला ने समावेशी तकनीकी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी बताया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारत के दृष्टिकोण पर भी बात की, जिसे उन्होंने “हमारे प्राचीन सभ्यतागत मूल्यों और आधुनिक तकनीकी नवाचार का अनूठा मेल” कहा।

उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “जिम्मेदार और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए अंतर-संसदीय सहयोग” विषय पर आयोजित सत्र में बिरला ने एआई को लेकर भारत का दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने बताया कि भारत एआई को प्राचीन मूल्यों और आधुनिक तकनीकी नवाचार का मेल मानता है।

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “जिम्मेदार और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए अंतर-संसदीय सहयोग” विषय पर आयोजित सत्र में, भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर दृष्टिकोण पर चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि भारत एआई को अपने प्राचीन सभ्यतागत मूल्यों और आधुनिक तकनीकी नवाचार का अनोखा मेल मानता है।”

उन्होंने कहा, “यह दृष्टिकोण दिखाता है कि एआई मानव-केंद्रित होना चाहिए, जो न्याय, समानता और मानवाधिकारों जैसे मूल्यों की सेवा करे। बिरला ने बताया कि भारत किस तरह एआई का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवा, कृषि, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और शासन जैसे अहम क्षेत्रों में कर रहा है, ताकि हर नागरिक को इसका लाभ मिले-खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्गों को।”

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