
बीएनटी न्यूज़
ब्रासीलिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में एक निष्पक्ष और नियम-आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए भारत के मजबूत समर्थन को दोहराया, जो वास्तव में ग्लोबल साउथ की जरूरतों और आकांक्षाओं को संबोधित करती है।
‘आर्थिक विकास के नए रास्तों की तलाश में ब्रिक्स संसदीय कार्रवाई’ विषय पर कार्य सत्र को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए ब्राजील की संसद की सराहना की तथा उनके आतिथ्य के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, “आज, ब्रिक्स समूह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरा है। यह लगभग 45 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और क्रय शक्ति समता के आधार पर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 40 प्रतिशत का योगदान देता है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास के क्षेत्र में प्रेरणादायक प्रगति की है। भारत का मानना है कि इस प्रगति को और मजबूत करने के लिए हमें व्यापार, निवेश और वित्तीय सहयोग को बढ़ाना होगा।”
बिरला ने कहा, “हम इस बात से चिंतित हैं कि प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व तथा इस तरह के असंतुलन वैश्विक समानता और सतत विकास में बाधा डालते हैं। इसलिए, ब्रिक्स देशों को ऐसी संस्थाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से ठोस प्रयास करने चाहिए।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 और अन्य वैश्विक संकटों ने ग्लोबल साउथ को असंगत रूप से प्रभावित किया है, जिससे स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा में मौजूदा चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत, समन्वित वैश्विक कार्रवाई के बिना, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करना कई देशों के लिए असंभव नहीं तो कठिन अवश्य हो जाएगा।
भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए बिरला ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों के बावजूद भारत का आर्थिक विकास उल्लेखनीय रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ने लगातार ग्लोबल साउथ के औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। साल 2014 से 2025 तक देश का जीडीपी औसतन सात प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा, “भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे जीवंत लोकतंत्र है, बल्कि एक स्थिर सरकार वाला देश भी है, जिसके संस्थान मजबूत हैं, जो कानून के शासन पर आधारित है और जो पारदर्शी तथा जवाबदेह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।”
ओम बिरला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ब्रिक्स संसदीय मंच को एक अत्यंत महत्वपूर्ण मंच मानता है, जहां संयुक्त प्रयासों और संवाद के माध्यम से आर्थिक विकास की एक नई परिभाषा गढ़ी जा सकती है।
संसदीय फोरम के अवसर पर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ब्राजील के चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा के साथ सार्थक बातचीत की तथा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के अटूट संकल्प से अवगत कराया।
ओम बिरला ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ब्रिक्स संसदीय फोरम के अवसर पर ब्राजील के चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा के साथ गर्मजोशीपूर्ण और रचनात्मक द्विपक्षीय बैठक हुई। आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और सभी देशों को इस संकट को खत्म करने के लिए एकजुट होना चाहिए, आतंकवाद का पूर्ण उन्मूलन भारत का अटूट राष्ट्रीय संकल्प है।”
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ब्राजील के दृढ़ समर्थन के लिए राष्ट्रपति लूला के प्रति पूरे भारतवर्ष की तरफ से आभार व्यक्त किया। उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति को बताया कि कैसे भारत समावेशी प्रतिनिधित्व और अत्याधुनिक सुधारों के माध्यम से अपने संसदीय लोकतंत्र को नया आकार दे रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय संसदीय प्रक्रियाएं अब काफी हद तक कागज रहित हैं। हम संसद को 21वीं सदी की जरूरतों के साथ जोड़ते हुए अपनी लोकतांत्रिक विरासत को संरक्षित कर रहे हैं।
इससे पहले, बुधवार को ब्रासीलिया पहुंचने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और भारतीय प्रतिनिधिमंडल का ब्राजील में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया ने स्वागत किया।
प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर, लोकसभा सांसद विजय बघेल, विवेक ठाकुर और शबरी बायरेड्डी, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी शामिल हैं।
ब्रासीलिया में 4-5 जून को होने वाला 11वां ब्रिक्स संसदीय मंच सदस्य देशों के बीच अंतर-संसदीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें राजनीतिक संवाद को मजबूत करने, अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और सतत विकास, सामाजिक न्याय और बहुपक्षीय शासन के उद्देश्य से एक साझा एजेंडा बनाने के लिए विधायी शाखाओं की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई है।
ब्रिक्स के 11 सदस्य देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और सऊदी अरब।
इस साल की शुरुआत में, बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान को ब्रिक्स के भागीदार देशों के रूप में शामिल किया गया था।