BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   गुरुवार, 08 मई 2025 02:08 AM
  • 27.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान में दागी मिसाइलें
  2. ब्लैकआउट: दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों तक, ऐसी दिखी भारत की तैयारियों की झलक
  3. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब : मल्लिकार्जुन खड़गे
  4. ‘कांग्रेस ने मुस्लिमों को धोखा दिया, देश के हक में है वक्फ संशोधन कानून’, रांची में बोले मौलाना साजिद रशीदी
  5. ऑपरेशन सिंदूर : एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों को सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी
  6. घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द
  7. राष्ट्रपति मुर्मू से मिले पीएम मोदी, ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की दी जानकारी
  8. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने यूरोप दौरा किया रद्द
  9. ऑपरेशन सिंदूर : जिस जगह हुई थी कसाब और हेडली की ट्रेनिंग, भारतीय सेना ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया
  10. भारत की अंतरिक्ष यात्रा प्रतिस्पर्धा नहीं, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित : पीएम मोदी
  11. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने 8 मई को बुलाई सर्वदलीय बैठक
  12. ऑपरेशन सिंदूर : पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सेना की तारीफ की, बताया- ‘गर्व का पल’
  13. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी
  14. ऑपरेशन सिंदूर : कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबूत के साथ दिखाई औकात
  15. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- एकजुट और मजबूत रहें

ग्वांतानामो के 20 साल अमेरिकी शैली के मानवाधिकारों की बड़ी विडंबना है

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 15 जनवरी 2022, 8:04 AM IST
ग्वांतानामो के 20 साल अमेरिकी शैली के मानवाधिकारों की बड़ी विडंबना है
Read Time:4 Minute, 53 Second

कानून के शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अमेरिकी सरकार का दाग मानव इतिहास का एक बहुत काला पन्ना है। जैसे-जैसे अमेरिका में ग्वांतानामो जेल की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ आ रही है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इसकी निंदा बढ़ती जा रही है। अपनी स्थापना के बाद से लेकर अब तक, यह ब्लैक जेल मानव अधिकारों के उल्लंघन का प्रतीक बन गया है। बीस साल बाद, अमेरिका ने न केवल कैदियों के साथ दुर्व्यवहार किया, है, बल्कि ब्लैक जेल नेटवर्क को पूरी दुनिया में फैला दिया है। जैसा कि एफे न्यूज (आधिकारिक स्पेनिश समाचार एजेंसी) ने टिप्पणी की थी कि वाशिंगटन की कार्रवाइयों ने पूरे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रणाली को नुकसान पहुंचाया है। 11 जनवरी 2002 को, अमेरिकी सेना ने 9/11 घटना के बाद पकड़े गए आतंकवादी संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए क्यूबा के ग्वांतानामो बे में अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर एक जेल की स्थापना की। इसके बाद पिछले 20 सालों में अमेरिका ने यह खुलासा कभी नहीं किया है कि ग्वांतानामो में किसे हिरासत में लिया गया था, किस यातना के तरीकों का इस्तेमाल किया गया था और उन्हें कितने समय तक हिरासत में रखा गया था। पिछले 20 वर्षों में, ग्वांतानामो जेल में हुआ यातना कांड मीडिया द्वारा लगातार उजागर किया गया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा इसकी निंदा की गई है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र दल ने हाल ही में एक बयान जारी कर बिना मुकदमे के अमेरिका में मनमाने ढंग से हिरासत और यातना या दुर्व्यवहार के अभ्यास की निंदा की, और कहा कि यह किसी भी सरकार के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है, विशेष रूप से वह जो मानवाधिकारों की रक्षा का दावा करती है।

ग्वांतानामो जेल सिर्फ हिमपर्वत का एक छोटा सा हिस्सा है। 2005 में द वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया कि सीआईए ने एशिया और पूर्वी यूरोप में गुप्त जेल नेटवर्क स्थापित किया था, जिसमें थाईलैंड, अफगानिस्तान और कई पूर्वी यूरोपीय देश शामिल थे। पिछले 20 वर्षों में, लोगों ने अमेरिका में ब्लैक जेलों में मानवाधिकारों में सुधार के लिए थोड़ी सी भी प्रगति नहीं देखी है। इसके बजाय, उन्होंने पाया है कि अमेरिका ने कुछ देशों के साथ मिलकर और अधिक ब्लैक जेल स्थापित करने के लिए सहयोग किया है जो मानवाधिकार पर पैरों तले रौंदते हैं। ये ब्लैक जेलें कानून के शासन को कुचलने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले अमेरिका के क्लासिक प्रतीक बन गए हैं, और साथ ही अमेरिकी राजनीतिज्ञों के कथन में कथाकथित मानवाधिकार के लिए एक बड़ी विडंबना है। इनसे अमेरिकी शैली के मानवाधिकारों के पाखंड और कुरूपता पूरी तरह से उजागर होती है।

मानवाधिकार संरक्षण एक नारा नहीं बल्कि एक कार्रवाई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक निंदा को देखते हुए अमेरिका को आत्मालोचना करनी चाहिए, तुरंत ही ग्वांतानामो जेल और दुनिया भर की गुप्त जेलों को बंद करना चाहिए, और व्यापक जांच और जवाबदेही का संचालन करना चाहिए। दुनिया भर में मानवाधिकारों के इतिहास में अमेरिका द्वारा लिखे गए मानवाधिकारों के प्रचंड उल्लंघन के कुरूप अध्याय का अंत होना चाहिए!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *