BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   रविवार, 11 मई 2025 12:54 AM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. जैसलमेर और बाड़मेर में लॉकडाउन जैसे हालात, पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
  2. भारत की सैन्य शक्ति पाकिस्तान पर भारी, हर मोर्चे पर दुश्मन फेल
  3. पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी ली, सेना प्रमुखों से की मुलाकात
  4. ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तान के टॉप-5 आतंकी ढेर, मोस्ट वांटेड मसूद अजहर पर भी करारी चोट- सूत्र
  5. भारत के हमले में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान, सेना ने कहा- ‘हर उकसावे का दिया जा रहा जवाब’
  6. भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर नहीं किया हमला, पाकिस्तान का दावा निकला झूठा
  7. जय शाह ने कहा, ‘आतंकवाद से हमारे देश की रक्षा करने के लिए हम अपने सशस्त्र बलों को सलाम करते हैं’
  8. प्रसारणकर्ता ने कहा कि उचित समय पर आईपीएल आयोजन को वापस लाने के लिए बीसीसीआई के साथ मिलकर काम करेंगे
  9. बीसीसीआई ने आईपीएल को एक सप्ताह के लिए स्थगित किया (लीड-2)
  10. पंजाब में सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार के बड़े फैसले, एंटी-ड्रोन सिस्टम और ‘फरिश्ते योजना’ लागू
  11. जम्मू समेत कई इलाकों में ब्लैकआउट, तेज धमाकों की आवाजें; सीएम अब्दुल्ला की लोगों से घरों में रहने की अपील
  12. दिल्ली : जेपी नड्डा ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर की समीक्षा बैठक
  13. पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुखों के साथ की महत्वपूर्ण बैठक
  14. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समर्थन में रांची में कांग्रेस ने निकाली तिरंगा यात्रा, सेना को किया सैल्यूट
  15. हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार : मनोज सिन्हा

भारत रूसी रक्षा उपकरण खरीदने के मामले में अमेरिकी प्रतिबंधों से बच सकता है

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 14 जनवरी 2022, 5:59 PM IST
भारत रूसी रक्षा उपकरण खरीदने के मामले में अमेरिकी प्रतिबंधों से बच सकता है
Read Time:6 Minute, 8 Second

न्यूयॉर्क, 14 जनवरी (बीएनटी न्यूज़) विश्व के अन्य देशों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने वाले शीर्ष अधिकारी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सहयोगी जेम्स ओ’ब्रायन ने संकेत दिया है कि रूस से एस400 ट्रायम्फ मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली खरीदने के मामले में भारत प्रतिबंधों से बच सकता है।

प्रतिबंध नीति के समन्वयक के लिए नामित जेम्स ओ’ब्रायन ने बुधवार को कहा कि भारत पर प्रतिबंधों पर विचार करने में उसकी भौगोलिक स्थिति और उसके पड़ोसियों के साथ संबंध महत्वपूर्ण विचार हैं, विशेष रूप से चीन के साथ संबंध और इसलिए हमें यह देखना होगा कि इस मामले में क्या संतुलन है।

सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने जब वह अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के लिए पेश हुए, तो रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग ने ओ’ब्रायन से उस निकाय के भारत के खिलाफ मंजूरी देने के बारे में पूछा, जिसमें रूसी रक्षा उपकरण खरीदने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबंधों की आवश्यकता होती है । इस पर उन्होंने कहा कि इस मामले में विचार करने से पहले हमें भारत की स्थिति और उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को भी देखना जरूरी है।

यंग ने उल्लेख किया कि अमेरिका ने एस 400 प्रणाली खरीदने के लिए तुर्की के रक्षा प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए हैं और क्या इससे भारत के मामले में आगे बढ़ने के लिए कोई चेतावनी या सबक मिलता है तो ब्रायन ने कहा मेरा मानना है कि वे बहुत अलग परिस्थितियाँ हैं और निश्चित रूप से अलग सुरक्षा साझेदारियाँ हैं।

ओ’ब्रायन ने कहा: आप जो कहते हैं तो उसे देखते मुझे लगता है कि दोनों की स्थितियों की तुलना करना मुश्किल है – एक नाटो सहयोगी (तुर्की) है जो रक्षा खरीद प्रणाली की विरासत प्रकिया को तोड़ रहा है, और फिर यह भारत है, जिसकी बढ़ती हुई भूमिका है लेकिन उसके रूस के साथ पुराने संबंध हैं।

उन्होंने कहा, बाइडेन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह भारत को रूसी उपकरणों की खरीद में आगे बढ़ने से हतोत्साहित कर रहा है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक विचार हैंे।

उन्होंने कहा, अधिक कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मैं आपके और अन्य इच्छुक सदस्यों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।

यंग ने कहा कि भारत ने एस 400 प्रणाली का आयात किया है और इसने मेरे कुछ सहयोगियों को उसकेोिलाफ प्रतिबंधों के लिए प्रेरित किया है लेकिन उन्होंने घोषणा की कि वह भारत के खिलाफ कार्रवाई करने के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा चीन के खिलाफ हमारी प्रतिस्पर्धा में भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और इसलिए मेरा मानना है कि हमें ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो उन्हें हमसे और क्वाड से दूर कर सकता है। इसलिए मैं अपनी साझा विदेश नीति के हितों को देखते हुए भारत के खिलाफ सीएएटीएसए प्रतिबंधों को हटाने का पुरजोर समर्थन करता हूं।

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ, चार देशों के समूह का सदस्य है, जिसे क्वाड के रूप में जाना जाता है, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामक मुद्रा के खिलाफ अमेरिकी रणनीति में एक प्रमुख घटक के रूप में उभर रहा है।

यंग ने कहा भारतीयों के पास पिछले दशकों से बहुत सारी हथियार प्रणालियां हैं और वे रूसी प्रणालियों के साथ संचालन योग्य हैं और भारत चीनी घुसपैठ से अपनी सीमा की रक्षा करना चाहता है। इसके अलावा भारत हिंद महासागर तेजी से बढ़ती कानूनविहीन चीनी नौसेना से भी अपनी रक्षा करना चाहता है ।

उन्होंने कहा कि भारत एस 400 प्रणाली और नौसेना के युद्धपोत रूस से प्राप्त कर रहा हैं और ये दोनों भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण प्रणाली हैं।

यद्यपि रूस भारत के लिए प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, लेकिन भारत हाल ही में अमेरिका से रक्षा खरीद बढ़ा रहा है क्योंकि दोनों ने रक्षा सहयोग के क्षेत्र में प्रवेश किया है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 2020 में भारत यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3.5 बिलियन डालर के हथियारों के सौदे की घोषणा की, जिसमें 24 सिकोरस्की एम एच 60 सी हॉक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर और छह बोइंग एएच-64ई अपाचे गार्डियन अटैक हेलीकॉप्टर शामिल होंगे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *