
अफगान राजनीतिक दलों का है कहना, नई सरकार ‘आधिपत्य और एकाधिकार का संकेत’
नई दिल्ली, 10 सितंबर (बीएनटी न्यूज़)| अफगानिस्तान के कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने तालिबान की नई कार्यवाहक सरकार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कैबिनेट समावेशी नहीं है और राजनीतिक दलों को बाहर रखा गया है। सलाहुद्दीन रब्बानी के नेतृत्व वाली जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी ने एक बयान में कहा कि कैबिनेट असंतुलित है।
बयान में कहा गया है, “सरकार की घोषणा से पता चला है कि तालिबान राजनीति और सत्ता में पिछले थोपे गए नेताओं की तुलना में अधिक एकाधिकारवादी और चरमपंथी हैं।”
टोलो न्यूज ने बताया कि इस बीच, जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के अलग हुए धड़े के प्रमुख अत्ता मोहम्मद नूर ने भी नए मंत्रिमंडल की आलोचना की।
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “सरकार की घोषणा सभी नियमों और सत्तारूढ़ कानूनों के खिलाफ है। यह आधिपत्य, एकाधिकार और अतीत की वापसी का संकेत है। हमारे अनुसार, यह सरकार विफल होने के लिए अभिशप्त है।”
काबुल निवासियों ने भी घोषित कैबिनेट और कार्यवाहक मंत्रियों पर विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया व्यक्त की। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ लोगों ने घोषणा का स्वागत किया, जबकि अन्य ने तालिबान द्वारा लिए गए फैसलों पर आपत्ति जताई।
काबुल निवासी अब्दुल रशीद ने कहा, “उन्होंने अपने स्वयं के आंकड़े नियुक्त किए, लोगों से नहीं। ‘समावेशी’ का अर्थ है कि अफगानिस्तान में रहने वाली सभी जातियां सरकार में भाग लेती हैं।”