
आखिर कैसे हुआ चीन के एक गरीब गांव का कायापलट?
बीजिंग, 28 अप्रैल (बीएनटी न्यूज़)| दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत के वनथांग शहर में स्थित शुईखोउ गांव अपने सुंदर और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। कुल क्षेत्रफल 6.75 वर्ग किलोमीटर में फैला यह गांव मुख्य ग्रामीण पर्यटन स्थलों में से एक में विकसित हो चुका है, और यहां दूर-दूर से पर्यटक सैर-सपाटा करने के लिए आते हैं। यहां लोग गर्म पानी का झरना, ताजा हवा, हरियाली, दबाव रहित जीवन का आनंद लेने आते हैं। यहां इस गांव में अधिकांश गांववासी होमस्टे व्यवसाय में संलग्न हैं, और यह अतिथि-सत्कार व्यवसाय इस गांव की पहचान बन गया है। चीन के विभिन्न प्रांतों से भी लोग आकर इस गांव में निवेश करते हैं, और गांव के ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने में योगदान देते हैं।
लेकिन, आज से कुछ साल पहले यह गांव असुविधाजनक परिवहन और अवरुद्ध जानकारी के कारण, पिछड़ा हुआ था। ग्रामीण वासी लंबे समय से बांस काटकर और सीढ़ीदार खेती कर अपने जीवन का निर्वाह करते थे। गांव का वातावरण बेहद गंदा और खराब था। इसे एक जाना-पहचाना गरीब गांव माना जाता था।
हालांकि, इस गांव का कायापलट करने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी की स्थानीय शाखा ने भरसक प्रयास किए। आज इस गांव में पक्की सड़कें, स्थानीय भोजन के रेस्त्रां, होटल, आदि सब उपलब्ध हैं।
दरअसल, इस गांव में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थानीय शाखा ने नए युग में चीनी विशेषताओं के साथ शी चिनफिंग की समाजवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार और अध्ययन किया। साथ ही, ‘सुधार पहल भावना’ को आगे बढ़ाया।
इसके अलावा, ‘नवाचार और उद्यमशीलता की भावना’, और ‘सैद्धांतिक शिक्षा’ के माध्यम से ग्रामीणों की जीवन गुणवत्ता बढ़ाने, लोगों के दिलों को मजबूत करने और सभ्यता के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने पर जोर दिया।
आज इस गांव में पक्की सड़क, पार्किं ग स्थल, सार्वजनिक शौचालय, सीवेज ट्रीटमेंट स्टेशन, सौर स्ट्रीट लैंप बनाए गए हैं। तमाम तरह की सुविधाओं से लैस यह गांव एक दर्शनीय स्थल बन गया है।