ओटावा, 27 सितंबर (बीएनटी न्यूज़)। एंथनी रोटा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी इकाई के लिए लड़ने वाले एक व्यक्ति को निमंत्रण दिए जाने और बाद में सदन द्वारा उसे सम्मानित किये जाने पर कनाडाई संसद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रोटा ने मंगलवार दोपहर पार्लियामेंट हिल में सदन में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक के बाद पद छोड़ने के अपने अभूतपूर्व निर्णय की घोषणा की। सभी पार्टियों के सांसदों की ओर से “सम्मानजनक काम करने” और अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने के लिए लगातार बढ़ते दबाव के बीच उन्होंने यह कदम उठाया है।
रोटा ने कहा, “इस सदन का काम हममें से किसी से भी ऊपर है। इसलिए, मुझे आपके अध्यक्ष पद से हट जाना चाहिए।”
पिछले शुक्रवार को कनाडाई संसद में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के संबोधन के बाद रोटा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूक्रेन की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले यूक्रेनी व्यक्ति यारोस्लाव हुंका की प्रशंसा की और संसद की ओर से उसे सम्मानित किया। दो दिन बाद पता चला कि वह यूक्रेनी नाजी इकाई की ओर से लड़ा था। इसके बाद सदन में उसे दिए गये सम्मान और स्टैंडिग ओवेशन पर विवाद शुरू हो गया।
रोटा ने पहले रविवार को और फिर सोमवार को सभी सांसदों से माफ़ी मांगते हुये गलती की पूरी ज़िम्मेदारी ली। उन्होंने वेफेन-एसएस गैलिसिया डिवीजन के साथ अपने घटक की ऐतिहासिक भागीदारी के बारे में विवाद उजागर होने तक जागरूक नहीं होने के लिए माफी मांगी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 98 वर्षीय हुंका कनाडा की संसद में गैलरी में बैठे थे और रोटा ने यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की यात्रा के दौरान उन्हें “हीरो” बताया, जिसके बाद उन्हें सांसदों द्वारा स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया।
कनाडाई यहूदी समूह सीआईजेए ने कहा कि यह “बेहद परेशानी की बात” है कि यहूदियों के नरसंहार में भाग लेने वाले नाजी डिवीजन के एक वरिष्ठ व्यक्ति के लिए जश्न मनाया गया।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि ऐसा दोबारा कभी नहीं होना चाहिए।
उस समय संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ज़ेलेंस्की के साथ थे।
युद्ध के दौरान हजारों यूक्रेनियन जर्मन पक्ष से लड़े, लेकिन लाखों लोगों ने सोवियत लाल सेना में भी सेवा की।
रोटा ने एक बयान में कहा कि 22 सितंबर को, “यूक्रेन के राष्ट्रपति के संबोधन के बाद अपनी टिप्पणी में मैंने गैलरी में एक व्यक्ति की प्रशंसा की। बाद में मुझे अधिक जानकारी के बारे में पता चला, जिससे मुझे ऐसा करने के अपने फैसले पर पछतावा हुआ।”
उन्होंने कहा कि “साथी सांसदों और यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल सहित किसी को भी मेरे इरादे या मेरी टिप्पणियों के बारे में पहले से पता नहीं था। यह पहल पूरी तरह से मेरी अपनी थी। जिस व्यक्ति पर सवाल उठाया जा रहा है वह मेरे जिले से है और मुझे उसके बारे में बताया गया था।”