BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   बुधवार, 07 मई 2025 11:00 PM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान में दागी मिसाइलें
  2. ब्लैकआउट: दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों तक, ऐसी दिखी भारत की तैयारियों की झलक
  3. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब : मल्लिकार्जुन खड़गे
  4. ‘कांग्रेस ने मुस्लिमों को धोखा दिया, देश के हक में है वक्फ संशोधन कानून’, रांची में बोले मौलाना साजिद रशीदी
  5. ऑपरेशन सिंदूर : एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों को सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी
  6. घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द
  7. राष्ट्रपति मुर्मू से मिले पीएम मोदी, ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की दी जानकारी
  8. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने यूरोप दौरा किया रद्द
  9. ऑपरेशन सिंदूर : जिस जगह हुई थी कसाब और हेडली की ट्रेनिंग, भारतीय सेना ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया
  10. भारत की अंतरिक्ष यात्रा प्रतिस्पर्धा नहीं, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित : पीएम मोदी
  11. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने 8 मई को बुलाई सर्वदलीय बैठक
  12. ऑपरेशन सिंदूर : पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सेना की तारीफ की, बताया- ‘गर्व का पल’
  13. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी
  14. ऑपरेशन सिंदूर : कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबूत के साथ दिखाई औकात
  15. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- एकजुट और मजबूत रहें

चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के साथ लगते विवादित क्षेत्र में बसाया गांव : अमेरिका

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 06 नवंबर 2021, 11:15 AM IST
चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के साथ लगते विवादित क्षेत्र में बसाया गांव : अमेरिका
Read Time:7 Minute, 21 Second

चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के साथ लगते विवादित क्षेत्र में बसाया गांव : अमेरिका

नई दिल्ली, 6 नवंबर (बीएनटी न्यूज़)| चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र के अंदर एक बड़ा 100 घरों का नागरिक (असैन्य) गांव बसाया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीन से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास पर कांग्रेस को पेश की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह दावा किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीआरसी राष्ट्र-नियंत्रित मीडिया ने इसी दौरान बीजिंग के दावों को जोर शोर से उठाया और भारत के दावों को अस्वीकार करना जारी रखा।

यह भी कहा गया है कि चीनी मीडिया ने एलएसी के पास भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित करने की कोशिश की। इस काम के लिए चीनी मीडिया तनाव बढ़ाने का आरोप भारत पर लगाता रहा। चीन ने अपने दावे वाली जमीन से सेना को पीछे हटाने से भी साफ इनकार कर दिया था। उसने शर्त रखी कि वह तब तक सेना को पीछे नहीं हटाएगा, जब तक उसके दावे वाली जमीन से भारतीय सेना पीछे नहीं हट जाती और उस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के काम को रोका नहीं जाता।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन ने भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने से रोकने की कोशिश की है।

रिपोर्ट में कहा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के अधिकारियों ने आधिकारिक बयानों और राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से भारत को वाशिंगटन के साथ अपने संबंधों को गहरा करने से रोकने के लिए असफल प्रयास किया है।

इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीआरसी के अधिकारियों ने भारत पर अमेरिकी नीति का एकमात्र उपकरण होने का आरोप लगाते हुए, गतिरोध के दौरान और बाद में वाशिंगटन के साथ अपने संबंधों को गहरा करने से रोकने के लिए असफल कोशिश की है।

विभाग ने यह भी कहा कि चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है।

पिछले 18 महीनों में भारत और चीन के सीमा विवाद के बारे में विस्तार से बताते हुए, इसमें यह भी कहा गया है कि सीमा तनाव को कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य संवाद के बावजूद, पीआरसी ने एलएसी पर अपने दावों को मजबूत करने के लिए वृद्धिशील और सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएसी पर भारत के साथ तनाव ने मई 2020 के मध्य में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच चल रहे गतिरोध को जन्म दिया, जो सर्दियों तक चला।

भारतीय सेना और पीएलए सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद 15 जून, 2020 को गतिरोध बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और दोनों ही पक्षों में जवान हताहत हुए।

गतिरोध के दौरान पीआरसी के अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने पर भी जोर दिया है और सीमा की स्थिरता को बनाए रखने और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के तहत अन्य क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाने से रोकने पर भी जोर दिया है।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद चीन ने एलएसी पर अपने दावों पर जोर देने के लिए सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है। इसने यह भी कहा कि चीन अपने पड़ोसियों विशेष रूप से भारत के साथ आक्रामक और बलपूर्वक व्यवहार कर रहा है।

पेंटागन ने कहा कि फरवरी 2021 में चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने चार पीएलए सैनिकों के लिए मरणोपरांत पुरस्कार की घोषणा की। हालांकि, चीनी हताहतों की कुल संख्या का अभी भी नहीं पता चल पाया है।

दोनों देशों के बीच मौजूदा गतिरोध के परिणामस्वरूप पिछले 45 वर्षो में पहली मौत हुई है।

अप्रैल 2021 तक, पीएलए और भारतीय सेना के प्रतिनिधियों ने मई 2020 में गतिरोध की शुरुआत के बाद से कोर-स्तरीय वार्ता के 11 दौर आयोजित किए हैं, जिसमें पीएलए के दक्षिण शिनजियांग (नानजियांग) सैन्य जिले के कमांडरों और भारतीय सेना की 14वीं वाहिनी की बैठकें शामिल हैं।

बातचीत से एलएसी के साथ लगते विशिष्ट क्षेत्रों में सीमित रूप से सैनिक पीछे हटे हैं।

सैन्य वार्ता के अलावा, 10 सितंबर को, पीआरसी के विदेश मंत्री वांग यी ने मास्को में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की।

रक्षा विभाग की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने विवाद को सुलझाने के लिए एक योजना जारी की, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है और बातचीत को बनाए रखते हुए गतिरोध को शांति से हल करने की इच्छा जरूर व्यक्त की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2021 तक पीआरसी और भारत एलएसी के साथ बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखे हुए हैं और इन बलों को बनाए रखने की तैयारी भी कर रहे हैं, जबकि सैनिकों को पीछे हटाने के लिए वार्ता ने सीमित प्रगति की है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *