
चीन ने लक्ष्य अभ्यास के लिए अमेरिकी युद्धपोतों के मॉडल बनाए
नई दिल्ली, 10 नवंबर (बीएनटी न्यूज़)| चीनी सेना ने संभवत: लक्ष्य अभ्यास के लिए अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत और अमेरिकी युद्धपोतों के आकार में मॉकअप यानी मॉडल का निर्माण किया है।
सरल शब्दों में कहें तो चीन ने मिसाइलों की टारगेट प्रैक्टिस के लिए अमेरिकी युद्धपोतों की नकल तैयार की है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वतंत्र यूनाइटेड स्टेट्स नेवल इंस्टीट्यूट (यूएसएनआई), द्वारा समीक्षा की गई मैक्सार उपग्रह तस्वीरों में सामने आया है कि चीनी सेना की टॉरगेट रेंज में अमेरिकी युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट कैरियर के मॉडल दिखाई दिए हैं। इन मॉडल को लेकर दावा किया जा रहा है कि चीनी सेना इन पर हमले का अभ्यास कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र की उपग्रह तस्वीरें वर्तमान में अमेरिकी नौसेना के लिए बनाए जा रहे ‘फोर्ड-क्लास’ विमानवाहक पोत की एक पूर्ण-स्तरीय रूपरेखा और एक नए लक्ष्य पर कम से कम दो अर्ले बर्क-श्रेणी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक के आकार को दिखाती हैं।
यूएसएनआई ने सैटेलाइट इमेज के आधार पर बताया है कि फोर्ड क्लास के अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर और कम से कम दो अर्ले बर्क क्लास के विध्वंसकों की फुल स्केल आउटलाइन बनाई गई है।
यूएसएनआई और स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज के मुताबिक, कॉम्प्लेक्स का बार-बार बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया गया है।
यूएसएनआई ने बताया, “इस नई रेंज से पता चलता है कि चीन अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों पर जोर देने के साथ-साथ कैरियर-विरोधी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखे हुए है।”
दुनिया भर की सेनाएं नियमित रूप से वास्तविक दुनिया के लक्ष्यों जैसे प्रतिष्ठित स्थलों, युद्धपोतों और विमान वाहक के नकली मॉडल का निर्माण करती हैं।
चीन के जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों की देखरेख पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (पीएलएआरएफ) करती है।
सोमवार को एक समाचार ब्रीफिंग में, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन एफ किर्बी ने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग ऐसे नकली मॉडल के बारे में मीडिया रिपोटरें से अवगत है, लेकिन वह इसके बजाय एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए अपनी स्वयं की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, किर्बी ने कहा, “हम किस बारे में चिंतित हैं.. हिंद-प्रशांत में चीनी सेना के बढ़ते डराने-धमकाने वाले व्यवहार और साथ ही वे जबरदस्ती की रणनीति का उपयोग कर रहे हैं।”