चीन ईमानदारी से अफ्रीका के साथ संबंधों को बढ़ाने में जुटा
चीन दुनिया का सबसे बड़ा विकासशील देश है, जबकि अफ्रीका सर्वाधिक विकासशील देशों वाला महाद्वीप है। समान ऐतिहासिक स्थिति और सामान्य ऐतिहासिक मिशन से चीन और अफ्रीका के बीच घनिष्ठ संबंध कायम रहे।
शी चिनफिंग ने वर्ष 2013 में तंजानिया के दार एस सलाम स्थित जूलियस न्येरेरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में भाषण देते हुए नए युग में चीन और अफ्रीका के बीच संबंधों के विकास पर चीन के रुख पर प्रकाश डाला।
शी चिनफिंग ने कहा कि हम सच्चे दिल से अफ़ीकी दोस्तों के साथ व्यवहार करते हैं, वास्तविक रवैये से अफ्रीका के साथ सहयोग करते हैं, सौहार्दपूर्ण ढंग से चीन-अफ्रीका मित्रता को मजबूत करते हैं और ईमानदारी से सहयोग में मौजूद समस्याओं का समाधान करते हैं।
शी चिनफिंग के भाषण में अफ्रीका पर चीन की नीति का सटीक सारांश किया गया और नए युग में चीन-अफ्रीका सहयोग के लिए मार्गदर्शन दिया गया।
पिछले दस सालों में शी चिनफिंग ने चार बार अफ्रीका की राजकीय यात्रा की। चीन-अफ्रीका संबंधों के विकास में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुईं। नए युग में चीन अफ्रीका के स्वतंत्र सतत विकास को अपने विकास के साथ घनिष्ठ रूप से जोड़ता है।
इससे दोनों पक्षों के लोगों को ठोस फायदा मिला। हाल के वर्षों में अफ्रीका के तमाम उत्पाद चीनी बाजार में आए और चीनी उपभोक्ताओं में लोकप्रिय होने लगे। चीन और अफ्रीका के बीच कृषि व्यापार की तेज वृद्धि कायम रही।
चीन ने अफ्रीका में 6,000 किलोमीटर से ज्यादा रेलमार्ग, 6,000 किलोमीटर राजमार्गों, करीब 20 बंदरगाहों और 80 से अधिक बड़ी बिजली सुविधाओं का निर्माण किया।
चीन लगातार 13 सालों से अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना। वर्ष 2022 में चीन और अफ्रिका के बीच व्यापार 2 खरब 82 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो साल वर्ष 2021 की तुलना में 11.1 प्रतिशत अधिक है।