कोरोनावायरस मानव जाति का समान दुश्मन
बीजिंग, 4 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| कोविड-19 का पहला मामला आने से डोनाल्ड ट्रंप के पॉजिटिव होने तक अमेरिका में 255 दिन लगे। 20 जनवरी को अमेरिका में पहला पुष्ट मामला सामने आया, लेकिन पूरे जनवरी महीने में राष्ट्रपति ट्रंप ने सरकार के अधिकारियों की चेतावनी की अनदेखी कर बार-बार वायरस के खतरे को खारिज किया। उन्होंने सूचना के प्रसार को नियंत्रित किया और अपना ध्यान फिर भी अर्थव्यवस्था की रक्षा पर केंद्रित किया। मार्च में अमेरिका में महामारी की स्थिति तेजी से बिगड़ गई। मार्च के मध्य में अमेरिका में पुष्ट मामलों की संख्या 10 हजार तक जा पहुंची थी। इसके तुरंत बाद ट्रंप ने असंतोष की भावना पैदा की और आरोप लगाना शुरू किया, पर वे फिर भी चिंता नहीं करते। ट्रंप का अनुमान है कि जब अप्रैल में मौसम गर्म होगा, तब वायरस का फैलाव खत्म हो जाएगा।
लेकिन उनकी कामना पूरी नहीं हुई। अप्रैल में अमेरिका में पुष्ट मामलों की संख्या तेजी से 5 लाख से अधिक हो गई, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। उसके बाद मई के अंत तक पुष्ट मामलों की संख्या करीब 20 लाख रही और मौत के मामलों की संख्या 1 लाख से अधिक रही।
दिन ब दिन बढ़ रहे दबाव में ट्रंप ने अपना कथन युक्तियुक्त बनाने की कोशिश की। उन्होंने महामारी की रोकथाम में विफल होने की जिम्मेदारी चीन पर लादी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ संबंध खत्म करने की घोषणा भी की।
उसके बाद जून में अमेरिका में महामारी फिर भी तेजी से फैलती रही। सिर्फ जून में अमेरिका में करीब 10 लाख नए पुष्ट मामले दर्ज हुए। महामारी की स्थिति गंभीर होने की स्थिति में ट्रंप अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए अधीर हैं। अगस्त में अमेरिका में पुष्ट मामलों की संख्या 50 लाख तक जा पहुंची।
अब अमेरिका में पुष्ट मामलों और मौत के मामलों की संख्या क्रमश: 75 लाख और 2 लाख 10 हजार से अधिक हो चुकी है, जो लगातार दुनिया के पहले स्थान पर रही। इसके बावजूद आम चुनाव की पहली बहस में ट्रंप ने फिर भी महामारी की रोकथाम पर अपने पक्ष में पैरवी की।
अमेरिका दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश है, अमेरिका में सबसे आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था है। अमेरिका के कोविड-19 महामारी की रोकथाम में विफल होने का कोई कारण नहीं है। लेकिन इसमें बहुत प्रयास करने की जरूरत है, अन्यथा स्थिति खुद बेहतर नहीं होती।
अमेरिका में मामलों की संख्या लगातार बढ़ने के चलते अमेरिकी लोग चिंतित होने लगे। अब राष्ट्रपति ट्रंप भी पॉजिटिव हो गए हैं, जिससे अमेरिका में अस्थिरता बढ़ी। वर्तमान खराब स्थिति को सुधारने के लिए ट्रंप को जल्दी समझदार होना चाहिए, न कि लगातार झूठ बोलना।