
भारत ने चीन-पाक के संयुक्त बयान पर जताई आपत्ति, कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमारा है, हमारा रहेगा
नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (बीएनटी न्यूज़)| भारत ने बुधवार को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर कड़ी आपत्ति जताई, जो जम्मू-कश्मीर के अवैध कब्जे वाले हिस्सों में प्रस्तावित है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान और चीन द्वारा जारी संयुक्त बयान, जिसमें कश्मीर का संदर्भ है, को भी खारिज कर दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मामले लेकर कहा है कि 6 फरवरी 2022 को चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर और तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का उल्लेख किया है। हमने हमेशा ऐसे संदर्भों को खारिज किया है और हमारी स्थिति चीन और पाकिस्तान को अच्छी तरह से पता है। यहां भी हम संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं।
बागची ने बुधवार को कहा कि छह फरवरी को चीन और पाकिस्तान की ओर से संयुक्त रूप से जारी बयान में हमने जम्मू-कश्मीर और कथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर किए गए उल्लेख का संज्ञान लिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे।
उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष उन मामलों में दखल नहीं देंगे, जो भारत के आंतरिक मसले हैं। सीपीईसी की बात करें तो हम उन परियोजनाओं को लेकर लगातार चीन और पाकिस्तान को अपनी चिंताओं से अवगत कराते रहे हैं। जो भारत के क्षेत्र में हैं और जिन पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
बागची ने आगे कहा, हम पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का ²ढ़ता से विरोध करते हैं। हम संबंधित पक्षों से इस तरह की गतिविधियों को रोकने का आह्वान करते हैं।
कश्मीर मसले पर पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी एक बार फिर सामने आई है। एक संयुक्त बयान में चीन ने फिर कश्मीर मुद्दे का हल उपयुक्त और शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है और स्थिति को जटिल बनाने वाली एकपक्षीय कार्रवाइयों का विरोध किया है। भारत के कड़े विरोध के बावजूद दोनों देश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
संयुक्त बयान के अनुसार, पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति पर ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने फिर से कहा कि कश्मीर मुद्दा एक ऐसा विवाद है, जो अतीत से मिला है और उसका उपयुक्त एवं शांतिपूर्ण तरीके से समाधान होना चाहिए। चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है।