नेशनल हैंडलूम डे पर लंदन में ‘साड़ी वॉकथॉन’ में हिस्सा लेने के लिए भारतीय महिलाएं तैयार
हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (नेशनल हैंडलूम डे) मनाया जाता है। इस मौके पर लंदन में भारतीय हैंडलूम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘साड़ी वॉकथॉन’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 500 महिलाएं भाग लेने के लिए तैयार हैं।
लंदन, 25 जुलाई (आईएएनएस)। हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (नेशनल हैंडलूम डे) मनाया जाता है। इस मौके पर लंदन में भारतीय हैंडलूम के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए ‘साड़ी वॉकथॉन’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 500 महिलाएं भाग लेने के लिए तैयार हैं।
लंदन की न्यूज वेबसाइट यूके मलयालीज़ ने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले परिधान को पहनने हुए महिलाएं 6 अगस्त को ऐतिहासिक स्थलों से गुजरेंगी।
वॉकथॉन ट्राफलगर स्क्वायर से शुरू होगा और 10 डाउनिंग स्ट्रीट से होते हुए लंदन के वेस्टमिंस्टर में ऐतिहासिक पार्लियामेंट स्क्वायर तक जाएगा।
यह कार्यक्रम ब्रिटिश वुमेन इन साड़ीज़ समूह द्वारा आयोजित किया गया है और इंस्पायरिंग इंडियन वुमेन समूह द्वारा समर्थित है।
कार्यक्रम को होस्ट कर रही ब्रिटिश वूमेन इन साड़ी ग्रुप की दीप्ति जैन ने यूके मलयालीस कॉम को बताया, “आज की आधुनिक भारतीय महिला दुनिया घूमने में विश्वास करती है और वह पावर ड्रेसिंग के कोड को फिर से परिभाषित करते हुए एक साड़ी में वह सब कुछ करती है।”
जैन ने वेबसाइट को बताया, “‘ब्रिटिश वुमेन इन साड़ीज़’ समूह का गठन इसी विचार से किया गया था। यह सशक्त महिलाओं का एक समूह है जो हैंडलूम साड़ियों को प्रदर्शित करने और भारत की अनूठी सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करती हैं। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो हमारी राष्ट्रीय विरासत को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करता है और और दुनिया भर में हर किसी को इन उत्कृष्ट कृतियों को बुनने के पीछे की मेहनत, हस्तकला और कलात्मकता से अवगत कराता है।”
उन्होंने 16 जून, 2022 को बर्कशायर में लेडीज़ डे रॉयल एस्कॉट रेस में पहला कार्यक्रम भी आयोजित किया था, जहां भारतीय उपमहाद्वीप की कई महिलाएं साड़ियों में पहुंची थीं।
जैन ने कहा, “दुनिया ने हमें देखा, लेकिन हमारी साड़ियों ने जो सुर्खियां बटोरीं, उसने हमें उन कारीगरों और बुनकरों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मंच प्रदान किया, जिन्हें अपनी कला को जारी रखने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए समर्थन की जरूरत है।”
आयोजन से प्राप्त आय पश्चिम बंगाल के नानूर में बुनकरों के एक समुदाय को दी जाती है।
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हम में उन अधिक कारीगरों और बुनकरों तक पहुंचने, बढ़ने और जुड़ने की इच्छा पैदा होती हैं, जिन्हें समर्थन की जरूरत होती है। यह प्राचीन हस्तशिल्प को संरक्षित करने का हमारा तरीका होगा।”
अपकमिंग वॉकथॉन में केरल की 30 महिलाओं की एक टीम बुनकरों का समर्थन करने के लिए सीधे उनसे खरीदी गई पारंपरिक सेतु मुंडू और हैंडलूम साड़ियों का प्रदर्शन करेगी।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने से पहले वे पार्लियामेंट स्क्वायर पर पारंपरिक केरल नृत्य भी करेंगी।