BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   रविवार, 13 अप्रैल 2025 01:40 PM
  • 35.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. आईपीएल 2025 : अभिषेक शर्मा की धुआंधार पारी से हैदराबाद ने पंजाब को 8 विकेट से रौंदा
  2. बंगाल में वक्फ अधिनियम को लेकर हिंसा : कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीएपीएफ की तत्काल तैनाती का दिया आदेश
  3. हेराल्ड हाउस केस : ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्तियां जब्त करने के लिए दिया नोटिस
  4. राहुल गांधी और चीन की कम्युनिष्‍ट पार्टी के बीच समझौते से देश का व्यापार घाटा 25 गुना बढ़ा : पीयूष गोयल
  5. सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष
  6. देशभर में यूपीआई लेनदेन में दिक्कत, ‘तकनीकी समस्या’ बनी वजह
  7. दिल्ली एमसीडी में मेयर चुनाव की तैयारी तेज, भाजपा और ‘आप’ में कांटे की टक्कर
  8. आईपीएल 2025: धोनी की कप्तानी में भी फ्लॉप रही चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता ने आठ विकेट से हराया
  9. पीएम मोदी ने अन्नाद्रमुक के एनडीए में शामिल होने पर खुशी जताई, कहा- ‘हम तमिलनाडु को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे’
  10. भाजपा और अन्नाद्रमुक तमिलनाडु की भाषा, संस्कृति व विरासत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : अमित शाह
  11. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा जांच एजेंस‍ियों की पूछताछ में नहीं दे रहा संतोषजनक जवाब
  12. सरकार की नीति और निष्ठा में शामिल ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र : पीएम मोदी
  13. गुजरात में हमारी सरकार नहीं है, पर हमारे कार्यकर्ता एक्टिव हैं : मल्लिकार्जुन खड़गे
  14. तमिलनाडु में भाजपा-एआईएडीएमके ने मिलाया हाथ, अमित शाह बोले- एनडीए के बैनर तले लड़ेंगे चुनाव
  15. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तहव्वुर राणा को होगी फांसी : संजय राउत

संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के दूत ने कहा, लोकतांत्रिक ताकतें जुंटा के खिलाफ हो रहीं मजबूत

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 06 फ़रवरी 2024, 12:05 PM IST
संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के दूत ने कहा, लोकतांत्रिक ताकतें जुंटा के खिलाफ हो रहीं मजबूत
Read Time:4 Minute, 54 Second

संयुक्त राष्ट्र, 6 फरवरी (बीएनटी न्यूज़)। म्‍यांमार में तीन साल पहले तख्तापलट में अपदस्थ की गई लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वहां के स्थायी प्रतिनिधि क्याव मो तुन ने तानाशाही के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रभावी कार्रवाई अपील करते हुए कहा है कि उनके देश में लोकतांत्रिक ताकतें मजबूत हो रही हैं और सैन्य शासन हार रहा है।

उन्होंने वहां की स्थिति पर परिषद की एक बंद बैठक से पहले सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “हम म्यांमार के लोग सैन्य तानाशाही के खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक ताकतें मजबूत हो रही हैं और सैन्य शासन हर दिन हार रहा है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय, सुरक्षा परिषद और व्यक्तिगत सदस्य देशों से समन्वित ठोस कार्रवाइयों की मदद की ज़रूरत है।”

सोमवार को सैन्य तख्तापलट की तीसरी वर्षगांठ मनाई गई, जिसने राष्ट्रपति विन म्यिंट और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की की नागरिक सरकार को उखाड़ फेंका था, जो कई नेताओं के साथ हिरासत में हैं।

म्यांमार पर अब तातमाडॉ नामक सेना द्वारा प्रभावी रूप से शासित है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र केवल अपदस्थ लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के प्रतिनिधि को ही मान्यता देता है।

क्याव मो तुन महासभा, सुरक्षा परिषद और अन्य संयुक्त राष्ट्र निकायों में म्यांमार का प्रतिनिधित्‍व करते हैं, क्योंकि महासभा की मान्यता समिति ने जुंटा को मान्यता देने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन 1027 की महत्वपूर्ण सफलता” और सहयोगी बलों की अन्य कार्रवाइयों से “यह पता चला है कि सेना इतनी बड़ी नहीं है कि उसे हराया न जा सके”।

ऑपरेशन 1027, पिछले साल 27 अक्टूबर को विद्रोही समूह थ्री ब्रदरहुड एलायंस द्वारा शुरू किया गया था, जो म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी, अराकान आर्मी और ता’आंग नेशनल लिबरेशन आर्मी को एकजुट करता है, जिसने 30 से अधिक कस्बों पर कब्जा करने वाले तातमाडॉ बलों के खिलाफ कई सैन्य कमांड सेंटरों और चौकियाें पर बढ़त बना ली है।

क्याव मो तुन में जोर देकर कहा कि सेना के तहत म्यांमार में मानव तस्करी, नशीली दवाओं का व्यापार और ऑनलाइन घोटाले जैसे संगठित अपराध फल-फूल रहे हैं।

परिषद का ध्रुवीकरण टाटमाडॉ के खिलाफ कार्रवाई को रोकता है, जिसे वीटो-शक्ति संपन्न चीन और रूस का समर्थन प्राप्त है।

ब्रिटेन के नेतृत्व में परिषद के नौ सदस्यों ने जुंटा से “सभी प्रकार की हिंसा को तत्काल समाप्त करने की मांग की और संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया हैं।”

उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा, “हम म्यांमार सेना से मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी कैदियों को तुरंत रिहा करने का आग्रह करते हैं।”

उन्होंने कहा, “हम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाली हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें सेना द्वारा अंधाधुंध हवाई हमलों का लगातार इस्तेमाल भी शामिल है।”

इक्वाडोर, फ्रांस, जापान, माल्टा, दक्षिण कोरिया, स्लोवेनिया, स्विट्जरलैंड और अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर बयान जारी किया, जिसमें रोहिंग्याओं की सुरक्षित वापसी के लिए स्थितियां बनाने का भी आह्वान किया गया, जिनमें से लगभग दस लाख देश छोड़कर भाग गए हैं।

–बीएनटी न्यूज़

सीबीटी

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *