
नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप चीन-जापान संबंधों के निर्माण को बढ़ावा दें
बीजिंग, 10 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 8 अक्तूबर को जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि चीन दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय संपर्क बनाए रखने पर जापान की नई सरकार की सराहना करता है, और जापान के साथ संवाद और सहयोग को मजबूत करने और इतिहास से सीखने और भविष्य बनाने की भावना में नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप चीन-जापान संबंधों के निर्माण को बढ़ाने को तैयार है। फुमियो किशिदा ने कहा कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्थिति के तहत जापान-चीन संबंध नये युग में प्रवेश कर रहे हैं। यह एक बहुत ही सामयिक और महत्वपूर्ण बात है।
वर्तमान चीन-जापान संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों मौजूद हैं। चीन और जापान के बीच राजनयिक संबंधों के सामान्यीकरण की 50वीं वर्षगांठ आने वाली है और दोनों पक्षों को इससे काफी फायदा हुआ है। लेकिन साथ ही, जापानी राजनीति के दक्षिणपंथी झुकाव और अमेरिकी कारकों के कारण जापान की चीन के प्रति नीतियों में उतार-चढ़ाव जारी है। महामारी और बड़े बदलाव की इसी स्थिति में चीन और जापान कैसे अवसरों का लाभ उठाते हैं और चुनौतियों का सामना करते हैं, यह न केवल दो देशों के लोगों की भलाई से संबंधित है, बल्कि एशिया, यहां तक कि दुनिया की शांति और विकास से भी जुड़ा है।
इसे देखते हुए, शी चिनफिंग ने बातचीत में कहा कि सबसे पहले, चीन और जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों में स्थापित सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता है और एक-दूसरे के लिए खतरा होने के बजाय साझेदार हैं की राजनीतिक सहमति को पूरी तरह से लागू करना चाहिए। शी ने चीन और जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों के सिद्धांतों और भावना को दोहराया कि वे बुनियादी सुधार करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, और मतभेदों को दूर करने, द्विपक्षीय संबंधों के विकास की सही दिशा को संभालने के लिए मददगार हैं।
साथ ही, चीन और जापान को देश के शासन में आदान-प्रदान और आर्थिक नीति के समन्वय को मजबूत करना चाहिए, और संयुक्त रूप से व्यापार और निवेश का निष्पक्ष व खुला वातावरण बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, चीन और जापान को सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए और विश्व शांति, स्थिरता और विकास को बनाए रखना होगा।
शी ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे के करीब चलने की जरूरत है।
उपर्युक्त प्रस्ताव ने नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप चीन-जापान संबंधों के निर्माण को बढ़ाने के लिए दिशा दिखायी।