‘पश्चिम के कुछ लोगों ने शिनच्यांग मुद्दे पर झूठा प्रचार किया’
बीजिंग, 16 मार्च (बीएनटी न्यूज़)| फ्रांस के महशूर विद्वान प्रोफेसर क्रिस्टियन मेस्ट्र ने दो साल पहले शिनच्यांग की यात्रा की थी और वहां आतंकवाद विरोधी कदमों को प्रभावी बताया था। उन्होंने जो बात की, सब सत्य है। लेकिन इससे फ्रांस में कुछ चीन विरोधी शक्तियों ने उन पर हमला किया। उनको हाल ही में मजबूरी से युरोमेट्रोपोलिस परियोजना के नैतिकता अधिकारी से इस्तीफा देना पड़ा। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करने वाले पश्चिमी लोकमत के लिए एक बड़ा कटाक्ष है। निसंदेह यह घटना राजनीति से प्रेरित है। वास्तव में प्रोफेसर क्रिसटियन मेस्ट्र का अनुभव सिर्फ हिमचट्टान का एक सिरा है। शिनच्यांग मामले पर चीन को नियंत्रित करने के लिए कुछ पश्चिमी राजनीतिज्ञों और मीडिया ने न सिर्फ बहुत-सी झूठी बातें गढ़कर उनका प्रचार किया, बल्कि उन्होंने न्याय का पक्ष लेकर सच्चाई बताने वाले लोगों और मीडिया पर हमला कर खुलेआम राजनीतिक अत्याचार शुरू किया है।
उदाहरण के लिए अमेरिकी स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट ने शिनच्यांग में तथाकथित जन संहार के झूठ का पदार्फाश किया। इसके बाद ट्वीट ने उस पर जनसंहार से इनकार करने वाली पोस्ट की।
दुष्टता के सामने न्याय का सिर कभी नहीं झुकेगा। अधिकाधिक अंतरराष्ट्रीय अध्ययनकर्ता और मीडिया शिनच्यांग की सच्ची कहानी सुनाते हैं। यूएन मानवाधिकार परिषद के 46वें सम्मेलन पर कई देशों के प्रतिनिधियों ने चीन की शिनच्यांग नीति का समर्थन किया।
शिनच्यांग का विकास इतिहास की कसौटी पर खरा उतरेगा। शिनच्यांग पर लांछन लगाने वाली कोई भी कुचेष्टा विफल होगी।