
अमेरिका दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने के योग्य नहीं है- यूएन स्थित चीनी प्रतिनिधि
बीजिंग, 11 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 9 अगस्त को समुद्री सुरक्षा मुद्दे पर खुली बैठक आयोजित की, जिसमें अमेरिकी प्रतिनिधि ने अपने भाषण में दक्षिण चीन सागर का उल्लेख किया। इसकी चर्चा करते हुए यूएएन स्थित चीनी स्थाई प्रतिनिधिमंडल के कार्यवाहक राजदूत ताई पिंग ने कहा कि राज्यक्षेत्रातीत देश होने के नाते अमेरिका कभी-कभी अपने प्रगतिशील युद्धपोतों को दक्षिण चीन महासागर में लाकर उकसाने वाली कार्यवाही करता है। वह खुले आम क्षेत्रीय देशों के बीच कलह पैदा करता है, जो दक्षिण चीन सागर की स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अमेरिका दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने के योग्य नहीं है। ताई पिंग ने कहा कि सुरक्षा परिषद दक्षिण चीन सागर पर विचार-विमर्श करने का उचित स्थल नहीं है। अमेरिकी प्रतिनिधि ने अपने भाषण में दक्षिण चीन महासागर के मुद्दे का उल्लेख किया, चीन ने इसका ²ढ़ता के साथ विरोध किया। वर्तमान में चीन और आसियान देशों की समान कोशिशों के तहत दक्षिण चीन सागर में स्थिति सामान्यत: स्थिर बनी हुई है। विभिन्न देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता मिलती है। चीन और आसियान देश दक्षिण चीन सागर से संबंधित विभिन्न पक्षों का कार्यवाही घोषणा-पत्र के व्यापक और कारगर रूप से कार्यान्वयन करने में प्रतिबद्ध हैं, ताकि जल्द ही दक्षिण चीन सागर आचार संहिताह्व संपन्न हो सके। हमारे पास दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने का ²ढ़ संकल्प और क्षमता है। चीनी प्रतिनिधि ताई पिंग ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि अमेरिका स्वयं समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि में भाग नहीं लेता, लेकिन वह खुद को संधि का न्यायाधीश मानता है, अन्य देशों पर उंगली उठाता है और मनमाने ढंग से हस्तक्षेप करता है। वास्तव में समुद्री मुद्दों पर अमेरिका के पास कोई विश्वसनीयता नहीं बची है।
ताई पिंग ने यह भी कहा कि चीन समुद्री सुरक्षा को बहुत महत्व देता है, हमेशा पारस्परिक लाभ, सहयोग और उभय जीत वाले समुद्री साझा सुरक्षा अवधारणा की वकालत करता है। इसके साथ ही चीन समानता, आपसी विश्वास, निष्पक्षता, न्याय, सह-निर्माण और साझा करने वाले समुद्री सुरक्षा पैटर्न बनाने में प्रतिबद्ध है।
बैठक में ताई पिंग ने इस बात पर भी जोर दिया कि समुद्री सुरक्षा सहयोग को समुद्री साझे भाग्य वाले समुदाय की अवधारणा को बनाए रखना चाहिए, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए, तटीय देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास की सेवा करनी चाहिए, और समुद्री दस्यु पर हमला करना जारी रखना चाहिए।