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रू100 करोड़ वसूली कांड, हाइ कोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश अनिल देशमुख का इस्तीफा

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अपडेटेड 25 सितंबर 2023, 5:00 PM IST
रू100 करोड़ वसूली कांड, हाइ कोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश अनिल देशमुख का इस्तीफा
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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बावजूद अनिल देशमुख की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) एक टीम मुंबई पहुंची और सभी संबंधित दस्तावेज एकत्र किए तथा बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक प्राथमिक जांच (PE) दर्ज कर जांच शुरू की। सीबीआई के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि ‘सीबीआई ने पांच अप्रैल, 2021 के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में प्राथमिक जांच दर्ज की है।’ अधिकारियों ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोपों की प्राथमिक जांच करने के लिए सीबीआई को 15 दिन का समय दिया था।
परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई को अनिल देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच करने का आदेश दिया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को आरोपों की जांच के लिए 15 दिनों के भीतर पीई शुरू करने का निर्देश दिया था। अब इसी फैसले को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं खबर यह भी है कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
परमबीर सिंह ने रु100 करोड़ वसूली का लगाया था आरोप
पूर्व पुलिस कमिश्नर ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाते हुए कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे से बार और रेस्तरां से रु100 करोड़ रुपये हर महीने कलेक्ट करने को कहा था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि गृहमंत्री पर वसूली के आरोप लगाए गए हैं। वह बेहद गंभीर हैं। ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंड पीठ ने कहा कि यह असाधारण और अभूतपूर्व मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पीठ तीन जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई कर रही थी।
देवेंद्र फडणवीस ने की जांच के मांग
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री के खिलाफ गंभीर आरोपों की केंद्रीय सरकारी एजेंसियों द्वारा विस्तृत जांच की मांग करते हैं।
शरद पवार ने परमबीर सिंह के आरोप पर उठाए थे सवाल
शरद पवार ने पूछा कि सीपी रहने के दौरान परमबीर ने रू100 करोड़ की वसूली वाली बात क्यों नहीं बताई। शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह ने आरोप तो लगाए हैं, लेकिन साक्ष्य नहीं दिए हैं। जब उनका तबादला हो गया तो उन्होंने आरोप लगाए हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरंत हटाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि देशमुख पर लगे आरोप गंभीर हैं लेकिन उनके इस्तीफे पर विचार मुख्यमंत्री करेंगे। साथ ही यह भी कहा कि इस प्रकरण से सरकार की छवि पर असर नहीं पड़ेगा।
अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा
सीबीआई जांच के आदेश के तीन घंटे के भीतर ही अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने कहा था कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ”उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के लिए यह कदम उठाया है।” अनिल देशमुख के इस्‍तीफा देने के बाद महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंगलवार दोपहर बाद गृह मंत्री का पदभार संभाला।
रु50 करोड़ की उगाही का मामला
अब इसी केस में 50 करोड़ की नई उगाही का मामला सामने आया है। पूर्व API सचिन वझे ने स्पेशल कोर्ट में पेशी के दौरान लिखित बयान दिया है। इसमें सचिन वाजे ने महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब पर रू50 करोड़ की अवैध वसूली के लिए कहने का आरोप लगाया है। मुझे Saifee Burhani Upliftment Trust के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए सौदेबाजी करने और इसके लिए रु50 करोड़ की रकम की डिमांड करने के लिए बोला गया।
सूप्रीम कोर्ट ने कहा की जांच जारी रहेगी
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख की अर्जी खारिज कर दी है और कहा कि अनिल देशमुख के खिलाफ CBI भी जांच जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान जस्टिस एसके कौल कई गंभीर सवाल भी पूछे और कई बार ऐसी टिपप्णी की जो किसी भी सरकार के लिए शर्मिंदगी से कम नहीं। गृह मंत्री और पुलिस कमिश्नर इसमें शामिल हैं। आरोप बहुत गंभीर हैं लिहाजा इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है की रक्षक अब भक्षक बन गए है। राजनीति व पुलिस के काले तालमेल उजागर होकर जनता का विश्वास खो रहे है। अब देश के लिए ये जानना भी जरूरी है कि इन सारी ताकतों के पीछे की ताकत कौन है। जो अभी भी खामोश है और प्यादों से शह मात का खेल खेल रहा है। जरा सोचिए, फैसला आप खुद कीजिये।

100 करोड़ की वसूली का मामला:FIR दर्ज करने के बाद CBI ने अनिल देशमुख से 10 घंटे पूछताछ की, नागपुर वाले घर से हार्ड डिस्क और कागजात जब्त सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से 10 घंटे तक पूछताछ की। CBI की एक टीम ने उनके नागपुर वाले घर से ढेर सारे सबूत इकट्ठा किए हैं। इनमें कुछ हार्ड डिस्क और अन्य कागजात हैं। इससे पहले CBI ने देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की। कोरोना संक्रमण के कारण CBI की टीम PPE किट पहनकर छापेमारी कर रही है।

ये कार्रवाई सौ करोड़ रुपए की वसूली वाले आरोप के मामले में की जा रही है। देशमुख ने जांच में सहयोग का भरोसा दिलाया है। इससे पहले शुक्रवार केंद्रीय जांच एजेंसी ने देर रात मुंबई, नागपुर समेत महाराष्ट्र के 10 ठिकानों पर छापेमारी भी की।

नागपुर वाले घर पर हैं देशमुख
CBI की एक टीम ने देशमुख के मुंबई स्थित सरकारी बंगले में छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक, अनिल देशमुख फिलहाल नागपुर में हैं और वहां पर ही एक टीम ने उनसे पूछताछ की। CBI इससे पहले पूर्व गृह मंत्री से 11 घंटे की पूछताछ कर चुकी है।

केंद्रीय जांच एजेंसी इसी मामले में देशमुख के दो निजी सचिव, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे से 10 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वझे से पूछताछ हुई है।

अदालत ने 15 दिनों तक कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर CBI को आरोपों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हालांकि, CBI ने कोविड का हवाला देते हुए रिपोर्ट नहीं पेश की, लेकिन अब केस दर्ज कर लिया है। अदालत ने अपने आदेश में 15 दिनों के दौरान कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी।

हाईकोर्ट ने कहा था कि CBI को तुरंत FIR दर्ज करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पहले ही एक हाई लेवल कमेटी बना दी है। चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा था कि हाई लेवल कमेटी के लिए राज्य सरकार की तरफ से लाया गया प्रस्ताव भरोसा दिलाता है कि इसमें किसी दखल की जरूरत नहीं है।

अनिल देशमुख के समर्थन में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उनके नागपुर स्थित घर के बाहर प्रदर्शन किया है।
कोई भी कानून से ऊपर नहीं है: संजय राउत
CBI की छापेमारी पर संजय राउत ने कहा-हाईकोर्ट के आर्डर पर CBI जांच कर रही है और कानून से ऊपर कोई नहीं है। मेरे हिसाब से आज की कार्रवाई पर किसी भी प्रकार का मत व्यक्त करना उचित नहीं है। अनिल देशमुख ने अपनी सफाई CBI के सामने रख दी है। CBI को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है, इसके बाद हम देखेंगे कि इसपर क्या करना है। CBI अपना काम कर रही है, हाईकोर्ट अपना काम कर चुकी है और महाविकास अघाड़ी अपना काम करेगी।

देशमुख पर परमबीर ने यह आरोप लगाया था
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 25 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अर्जी में देशमुख के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। परमबीर सिंह ने दावा किया था कि देशमुख ने सस्पेंड पुलिस अधिकारी सचिन वझे समेत दूसरे अधिकारियों को बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने कहा था कि यह असाधारण मामला है, जिसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।

सचिन वझे ने भी देशमुख पर लगाया था वसूली का आरोप
सिर्फ परमबीर सिंह ही नहीं सचिन वझे ने भी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था।

सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। यह बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’

अनिल देशमुख ने 1,600 से ज्यादा पब और बार से वसूली करने को कहा: वझे
वझे ने आगे बताया था, “जनवरी 2021 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1,650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1,650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार हैं।”

आगे सचिन वझे ने बताया, “मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि यह मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृह मंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृह मंत्री कह रहे हैं।”

CBI ने दर्ज़ की FIR व अनिल देशमुख से 10 घंटे पूछताछ
रु100 करोड़ की वसूली का मामला

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से 10 घंटे तक पूछताछ की। CBI की एक टीम ने उनके नागपुर वाले घर से ढेर सारे सबूत इकट्ठा किए हैं। इनमें कुछ हार्ड डिस्क और अन्य कागजात हैं। इससे पहले CBI ने देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की। कोरोना संक्रमण के कारण CBI की टीम PPE किट पहनकर छापेमारी कर रही है। ये कार्रवाई रु100 करोड़ की वसूली वाले आरोप के मामले में की जा रही है। देशमुख ने जांच में सहयोग का भरोसा दिलाया है। इससे पहले शुक्रवार केंद्रीय जांच एजेंसी ने देर रात मुंबई, नागपुर समेत महाराष्ट्र के 10 ठिकानों पर छापेमारी भी की।

केंद्रीय जांच एजेंसी इसी मामले में देशमुख के दो निजी सचिव, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे से 10 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वझे से पूछताछ हुई है।

नागपुर वाले घर पर हैं देशमुख

CBI की एक टीम ने देशमुख के मुंबई स्थित सरकारी बंगले में छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक, अनिल देशमुख फिलहाल नागपुर में हैं और वहां पर ही एक टीम ने उनसे पूछताछ की। CBI इससे पहले पूर्व गृह मंत्री से 11 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। अनिल देशमुख के समर्थन में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उनके नागपुर स्थित घर के बाहर प्रदर्शन किया है।

अदालत ने 15 दिनों तक कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर CBI को आरोपों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हालांकि, CBI ने कोविड का हवाला देते हुए रिपोर्ट नहीं पेश की, लेकिन अब केस दर्ज कर लिया है। अदालत ने अपने आदेश में 15 दिनों के दौरान कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी।

हाईकोर्ट ने कहा था कि CBI को तुरंत FIR दर्ज करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पहले ही एक हाई लेवल कमेटी बना दी है। चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा था कि हाई लेवल कमेटी के लिए राज्य सरकार की तरफ से लाया गया प्रस्ताव भरोसा दिलाता है कि इसमें किसी दखल की जरूरत नहीं है।

देशमुख पर परमबीर व वझे ने यह आरोप लगाया था

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 25 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अर्जी में देशमुख के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। परमबीर सिंह ने दावा किया था कि देशमुख ने सस्पेंड पुलिस अधिकारी सचिन वझे समेत दूसरे अधिकारियों को बार और रेस्टोरेंट से रु100 करोड़ की वसूली हर महीने करने को कहा था। इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने कहा था कि यह असाधारण मामला है, जिसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है। सिर्फ परमबीर सिंह ही नहीं सचिन वझे ने भी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था।

सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। यह बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए रु2 करोड़ भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’

वझे ने आगे बताया था, ‘जनवरी 2021 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1,650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1,650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार हैं।‘

आगे सचिन वझे ने बताया, ‘मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि यह मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृह मंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृह मंत्री कह रहे हैं।‘

नवाब मलिक ने उठाए सवाल

अनिल देशमुख पर दर्ज एफआईआर के मामले में नवाब मलिक ने पलटवार किया है. मलिक ने सीबीआई से सवाल पूछे है। मलिक ने पूछा कि क्या CBI ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी? क्या कोर्ट ने FIR दर्ज करने को कहा? इसकी जानकारी नहीं है। एंटीलिया केस में सचिन वाज़े किसने कहने पर काम कर रहा था , यह अब तक नहीं बताया गया।

कोई भी कानून से ऊपर नहीं है: संजय राउत

CBI की छापेमारी पर संजय राउत ने कहा – हाईकोर्ट के आर्डर पर CBI जांच कर रही है और कानून से ऊपर कोई नहीं है। मेरे हिसाब से आज की कार्रवाई पर किसी भी प्रकार का मत व्यक्त करना उचित नहीं है। अनिल देशमुख ने अपनी सफाई CBI के सामने रख दी है। CBI को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है, इसके बाद हम देखेंगे कि इसपर क्या करना है। CBI अपना काम कर रही है, हाईकोर्ट अपना काम कर चुकी है और महाविकास अघाड़ी अपना काम करेगी।
बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी नेता मनोज कोटक ने कहा कि अनिल देशमुख अब नहीं बचेंगे। अनिल देशमुख ने जिन लोगों को अपना भागीदार बनाया है वो भी नहीं बचेंगे। किरीट सोमैया ने भी उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई एक्शन में है। कुछ दिन में उद्धव सरकार को रु2000 करोड़ का हिसाब देना होगा। मुझे उम्मीद है कि ED और SFIO की टीम भी जल्द ही जांच में शामिल होगी।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है की पूरे देश मे राजनीति व पुलिस के काले तालमेल उजागर होते रहते है। जनता न्याय के लिए पुलिस व न्यायलयों के चक्कर लगाती रहती है। क्या आम आदमी उगाही के चलते पुलिस से सही तहक़ीक़ात, मदद व न्याय की आशा कर सकता है। क्यों पुलिस को नेताओ के अँगूठे के नीचे काम करना पड़ता है? क्यों पुलिस को एक स्वायत्त संस्था के अंतर्गत नहीं लाया जाता? जरा सोचिए, फैसला आप खुद कीजिये।

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