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क्या है रु1,034 करोड़ का घोटाला, संजय राउत से कैसे जुड़े पात्रा चॉल केस के तार?

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अपडेटेड 27 सितंबर 2023, 12:34 PM IST
क्या है रु1,034 करोड़ का घोटाला, संजय राउत से कैसे जुड़े पात्रा चॉल केस के तार?
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महाराष्ट्र में पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में लंबी पूछताछ के बाद शिवसेना नेता संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया गया है। संजय राउत की गिरफ्तारी से पहले उनके घर से साढ़े रु11 लाख भी जब्त किए गए हैं। संजय राउत के घर से इसके अलावा कई अहम दस्तावेज भी जब्त किया गया है जो पात्रा चॉल मामले से जुड़े हैं। इन सभी दस्तावेजों और नकदी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ईडी दफ्तर (ED Office) पहुंची थी। राउत को मुंबई के एक पात्रा चॉल जमीन मामले में उनकी पत्नी के साथ दूसरे सहयोगियों की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था।

Patra Chawl Land Scam: संजय राउत (Sanjay Raut) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए 1 जुलाई को ईडी के सामने पेश हुए थे। इसके बाद उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए वो पेश नहीं हुए थे।

क्या है पात्रा चॉल केस?

यह मामला 2007 का है। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डिवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है। 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया। यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं। रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत गुरुआशीष को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाने थे। पात्रा चॉल के किराएदारों के 672 फ्लैट फिर से बनाए जाने थे और करीब 3,000 फ्लैट बनाकर MHADA को दिए जाने थे. ये सभी फ्लैट म्हाडा की 47 एकड़ जमीन पर बनाए जाने थे।

कौन-कौन हैं इसके किरदार?

– राकेश कुमार वधावन (गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के पूर्व डायरेक्टर)
– सारंग कुमार वधावन (गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के पूर्व डायरेक्टर)
– प्रवीण राउत (गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के पूर्व डायरेक्टर)
– माधुरी रावत (प्रवीण राउत की पत्नी)
– संजय राउत (शिवसेना सांसद और प्रवीण राउत के दोस्त)
– वर्षा राउत (संजय राउत की पत्नी)
– सुजीत पाटकर (संजय राउत का करीबी)
– स्वप्ना पाटकर (सुजीत पाटकर की पत्नी)

संजय राउत के तार केस में कैसे जुड़े?

गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट रीडिवलपमेंट काम करने के बजाय इस 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को रु1,034 करोड़ में बेच दिया। मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ केस दर्ज करवाया। इसी मामले में आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण राउत को संजय राउत का करीबी माना जाता है। इसके अलावा, प्रवीण राउत एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ डायरेक्टर था। आपको बता दें कि यही वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के भी मुख्य आरोपी हैं। गिरफ्तार के कुछ दिन बाद प्रवीण राउत को जमानत मिल गई थी लेकिन पिछले दिनों ईडी ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया।

क्या संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत व् बेटी का भी है इसमें कनेक्शन?

प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार करके पूछताछ की। उसके बाद इस मामले में सुजीत पाटकर का नाम आया। ईडी ने सुजीत पाटकर के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले। ईडी की जांच में सामने आया कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को एक लोन दिया। यह लोन रु55 लाख का था लेकिन बैंक से यह बिना किसी लोन के पास हुआ। बैंक से लिए गए रु55 लाख से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा। इस फ्लैट के सिलसिले में ईडी ने वर्षा राउत से पूछताछ की।

आरोप है कि म्हाडा लैंड डील में प्रवीण राउत को कमीशन के रूप में रु95 करोड़ मिले। जिस सुजीत पाटकर का नाम सामने आया और ईडी ने छापा मारा उसका लिंक भी संजय राउत से जुड रहा है। सुजीत, संजय राउत का करीबी माना जाता है। इसके अलावा सुजीत पाटकर की एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी है, जिसमें संजय राउत की बेटी उसकी पार्टनर है।

मुंबई पुलिस में संजय राउत के खिलाफ केस दर्ज

उधर, स्वप्ना पाटकर की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। स्वप्ना पाटकर (Swapna Patkar) पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Land Scam) की एक अहम गवाह है। 15 जुलाई को स्वप्ना पाटकर को एक धमकी भरा पत्र मिला था। चिट्ठी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। बलात्कार और जान से मारने की धमकी दी गई थी। ED के सामने जुबान बंद रखने की बात कही गई थी। स्वप्ना का दावा है इन धमकियों के पीछे संजय राउत का हाथ है। पाटकर ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। संजय राउत के खिलाफ IPC सेक्शन 504 और 509 के तहत FIR दर्ज की गयी है।

इस तरह के घोटालों से एक तरफ जहां राजस्व की घोर हानि होती है वहीं दूसरी तरफ लोगों का विश्वास कानून व्यवस्था और तंत्र पर shake होता है। लोगों में यह भावना घर कर रही है कि घोटालेबाज़ों का कुछ नहीं होगा। यह एक आम धारणा है कि ये घोटालेबाज अपनी money power एवं contacts का इस्तेमाल कर बच निकलेंगे। लोगों की इस धारणा को तोड़ना होगा। Example set करने होंगे।

घोटालेबाज़ों का राजनैतिक गठजोड़ भी एक बड़ी समस्या है। निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती। Investigating Agencies पर political pressure डाला जाता है। कानून की दृष्टि में सभी बराबर हैं। लेकिन क्या हकीकत में ऐसा है। देश में appropriate legal remedy लेना सबसे महँगा है। घोटालेबाज़ों को कानून का कोई भय नहीं है।

सिर्फ कानून लाने या कानून बदलने से कुछ नहीं होगा। क़ानूनों को कठोरता से लागू किया जाना चाहिए। जांच time-bound manner में की जानी चाहिए। संपत्तीयां जब्त कर नीलामी होनी चहिएI Financial crime के मामले लंबे समय तक अदालतों में लंबित नहीं रहने चाहिए। इनका fast-track कोर्ट में priority से निपटारा होना चाहिए। जरा सोचिए! फैसला आप खुद कीजिये।

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