
तिहाड़ जेल में बंद जालसाज सुकेश चंद्रशेखर द्वारा रू200 करोड़ की उगाही मामले में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EQW ने काफी तफ्तीश करने के बाद यह खुलासा किया है। EOW के मुताबिक, सुकेश चंद्रशेखर को तिहाड़ की रोहणी जेल (Rohini Jail) में आरामगाह के लिए पूरा एक बैरक दिया गया था। करीब 40 कैदियों की क्षमता वाले तिहाड़ की इस बैरक में सुकेश चंद्रशेखर अकेला रहता था। खास बात यह है कि इस बैरक में सुकेश की गतिविधियों को तिहाड़ प्रशासन की नजर से बचाने के लिए बैरक से जुड़े तमाम CCTV पर पर्दे डाल दिये गए थे। रू200 करोड़ की उगाही मामले में उसके पांच मददगार भी दिल्ली पुलिस की EOW ने दबोचे हैं. गौर करने वाली बात ये है कि इनमें तिहाड़ जेल के आला अधिकारी भी हैं.सुकेश चंद्रशेखर ने इन जेल अधिकारियों को बतौर रिश्वत 20 करोड़ रुपये दिए थे।
EOW के मुताबिक, सुकेश जेल की आरामगाह बैरक के अंदर से एक सबसे लेटेस्ट आई फोन और एक अन्य फोन की मदद से उगाही का रेकेट धड़ल्ले से चला रहा था। सुकेश के लाखों रुपए क़ीमत के इस आई फोन में एक इजरायल की सिम मौजूद थी, जिसके जरिए उसने कॉल स्पूफिंग कर रु200 करोड़ की उगाही को अंजाम दिया। खास बात यहा है कि तिहाड़ अधिकारी जो इस मामले में गिरफ्तार हुए है, उन्होंने ही सुकेश को इजरायल की ये सिम उपलब्ध कराई थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुकेश चंद्रशेखर तिहाड़ जेल के अंदर से एक संगठित गिरोह चला रहा था। जिसमें जेल के अधिकारी भी उसकी मदद कर रहे थे।
हर महीने रू1 करोड़ 15 लाख रिश्वत देता था
वहीं, कहा जा रहा है कि सुकेश से जेल में पैसे के बलबूते पर कई लोग मिलने भी आते थे, जिसका खुलासा भी EOW जल्द करेगी। इस आरामगाह के बदले सुकेश तिहाड़ प्रशासन के अधिकारियों को हर महीने रु1 करोड़ 15 लाख रिश्वत देता था। रिश्वत की ये रकम करीब 10 महीने तक सुकेश ने तिहाड़ प्रशासन के अधिकारियों को दी। जिसमें तिहाड़ के दो अधिकारी DS बत्रा और धर्मवीर मीना ये पैसा कलेक्ट करने जाते थे।
अलग- अलग किरदार बनकर फोन भी किया था
ये पैसा सुकेश हर 15 दिन के अंतराल में दो भाग में कैश देता था तिहाड़ प्रशासन को और ये पैसा सुकेश का मिडल मैन और इस मामले के आरोपी रमनानी भाई तिहाड़ अधिकारियों को जेल के बाहर मीटींग कर देते थे। सुकेश तिहाड़ जेल का खाना नहीं खाता था, बल्कि उसके लिए रोजाना दिल्ली की फाइव स्टार होटल से खाना आता था। तिहाड़ के नियम कायदों को ताक पर रखकर सुकेश ने इसी आरामगाह बैरक से बॉलीवुड के कई बड़े नामों को अलग- अलग किरदार बनकर फोन भी किया था।
कौन है सुकेश चंद्रशेखर
सुकेश चंद्रशेखर को कथित रूप से दिनाकरण से पैसे लेने के आरोप में पकड़ा गया था। उस पर आरोप था कि वो चुनाव आयोग में संपर्क होने का दावा कर रू50 करोड़ की डील करने की कोशिश कर रहा था। रिपोर्टों के मुताबिक, चंद्रशेखर का दावा था कि वो चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देकर शशिकला खेमे को AIADMK के दो पत्तियों वाला चुनाव चिह्न दिला देगा। 2017 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक होटल में उसके कमरे से रु1.3 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किया था। सुकेश चंद्रशेखर पर 21 केस दर्ज हैं और जेल में होने के बाद भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस सेटल कराने का दावा करता था। 17 साल की उम्र में उसने क्राइम की दुनिया में एंट्री ले ली थी। इंडियन एक्सप्रेस ने 2013 में रिपोर्ट दी थी कि सुकेश ने कथित तौर पर 100 लोगों से धोखाधड़ी की। इनमें पोल्ट्री किसान, अंडरवियर निर्माता, प्रेशर कुकर निर्माता, बैंक अधिकारी, पार्किंग सिस्टम निर्माता, रसोई उपकरण निर्माता शामिल हैं।
क्या-क्या जब्त हुआ है?
ईडी ने चेन्नै से एक लग्जरी बंगला सीज किया है। सी-फेंसिंग बंगले में एक से एक आधुनिक सुख-सुविधाएं और नौकर-चाकर मौजूद हैं। इटैलियन मार्बल का फ्लोर है, महंगा फर्निचर, वर्साचे के रग्स… सबकुछ सीज कर दिया गया है। 16 हाई-एंड लग्जरी कारें जिनमें रॉल्स रायस गोस्ट, बेंटले बेंटाग्या, फरारी 458 इटालिया, लैबॉर्गिनी उरुस, एस्कलेड, मर्सिडिीज एएमजी 63 आदि शामिल हैं।
आए दिन खबरे आती है की अपराधी अपनी आपराधिक गतिविधिया गिरफ्तार होने के बाद जेल से यथापूर्वक चलाते रहते हैं। कौन है इसका जिम्मेदार? क्या इसीलिए पुलिस, जांच एजेन्सीस व न्याय व्यवस्था का निर्माण किया गया है? क्यों लालची व गैर-जिम्मेदार अफसरो की तैनाती देश मे व्यवस्था को ठीक रखने वाले संस्थानो के पदो पर होती है? क्यों सरकार व शासन के बदलने के बाद भी जनता के जीवन मे कोई बदलाव क्यों नहीं आता? क्या सरकारी तंत्र, कानून सब ने मिलकर जनता को राम भरोसे नहीं छोड़ दिया है? जरा सोचिए, फैसला आप खुद कीजिये।