
हमारे संविधान में लिखा है कानून की दृष्टि मे सभी बराबर है ना कोई छोटा ना कोई बडा, ना अमीर ना गरीब। अगर कोई भी व्यक्ति कानून का उल्लंघन करेगा तो कानून अपना काम करेगा और उसे बिना किसी पक्षपात व भेदभाव के दण्डित किया जायेगा। लेकिन क्या ऐसा होता है निःसंदेह नहीं। आखिर क्यों?
क्या आपको नही लगता कि आज का सरकारी तंत्र व कानून व्यवस्था अमीरों को फायदा पहुँचाने व आम आदमी के शोषण का औजार बनकर रह गई है। अगर कोई अमिर आदमी या Celebrity कानून तोड़ता है तो संबधित विभाग तुरन्त हरकत में आ जाता है और आनन-फानन में क्लीन चीट दे दी जाती है और अगर वही कानून एक आम आदमी तोड़ता है तो उसे ’अपराध’ की संज्ञा दे दी जाती है। ये मानकर चला जाता है कि वह आम आदमी चोर है और उसकी आधी जिंदगी अदालतो और सरकारी विभागो का चक्कर लगाते-लगाते गुजर जाती है। वह आम आदमी जिल्लत व मायूसी की जिन्दगी जीने के लिए मजबूर है। हमारे Editorial bureau ने इसकी गहराई से जाँच की और पाया की आज के Celebrity डंके की चोट पर कानून तोडते है और बेशर्मी की सारी हदे पार कर खुद किये गये सारे गलत कामो को अपने खिलाफ साजिश बताते है हमारा सरकारी तंत्र और हमारी कानून व्यवस्था मूकदर्शक बने हसरत भरी निगांहो से उनको ताकते रहते है और वे लोग अपने कॅान्टेक्टस् व पैसे के बल पर कानूनी पेचीदगियों का फायदा उठाकर बच निकलते है और सफेदपोश कहलाते है। हद तो यहां तक हो गई है कि Celebrity होना कानून तोडने का लाॅईसेंस जैसा हो गया है। उस आम आदमी ने उन्हे Celebrity बनाया है जिसका आज वो अपने जेबे भरने के लिए शोषण कर रहे हैं। चाहे वह सचिन तेन्दूलकर हो या गावस्कर। CAG ने इस बात पर एतराज जताया कि तेन्दुलकर और गावस्कर को IT में छूट क्यों दी गई इससे सरकार को करोड़ों का चूना लगा।
एश्वर्या राय को FERA मामले में संबंधित अधिकारियों ने आनन फानन में क्लीन चिट दे दी।
राजनेताओं और फिल्मी हस्तियों पर करोड़ों रूपये का IT बकाया है कोई पूछने वाला नहीं है।
इस सब को देखकर तो यही लगता है कि:-
इस देश में कातिल की सजा कोई नहीं
सारी सजा उसके लिए जिसकी खता कोई नहीं।