जींद, यमुनानगर और फतेहाबाद पुलिस ने किया बेहतर काम, मेवात में 18% पेंडिंग केसों की बढ़ोतरी 15 दिसंबर तक 30481 केसों की चल रही थी जांच, 27275 हजार केस बाकी
हरियाणा प्रदेश में पुलिस महकमों में पेंडिंग केसों पर गृह मंत्रालय की ओर से सख्त रुख अपनाने के बाद पुलिस महकमे के जांच अधिकारियों ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। मात्र 45 दिन में इन्वेस्टिगेशन को लेकर पेंडिंग चल रहे 3206 केसों को निपटा दिया है।
पुलिस ने प्रदेश में हर दिन 71 केसों की इन्वेस्टिगेशन पूरी की है। तीन
जिलों को छोड़ दिया जाए, ताकि पुलिस के जीआरपी समेत सभी जिलों में पेंडिंग
केसों में कमी आई है। गृह मंत्रालय मिलने के बाद अनिल विज की ओर से पिछले
साल 15 दिसंबर को सभी एसपी से पेंडिंग केसों की रिपोर्ट तलब की थी। उस वक्त
कुल 30 हजार 481 केस ऐसे थे, जो जांच के वजह से पेंडिंग थे।
ऐसे में उन्होंने एक हजार से ज्यादा केसों की पेंडेंसी वाले दो पुलिस कमिश्नर और 11 एसपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा था। उनकी सख्ती का असर हुआ कि 31 जनवरी तक की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इन 45 दिनों में 3200 से ज्यादा केसों में अपनी जांच पूरी कर ली है। यानि जो पेंडेंसी 22.24 प्रतिशत चल रही थी, वह अब 19.78 प्रतिशत पर आ गई है, इसमें 15 दिसंबर के बाद दर्ज हुए केस भी शामिल हैं। हो गई है।
इन जिलों ने दिखाई सक्रियता
प्रदेश के 16 जिलों में पुलिस ने बेहतर कार्य किया है। सबसे ज्यादा जींद
में पेंडिंग केसों में 12.87 फीसदी की कमी आई है। दूसरे नंबर पर यमुनागर
में 12.49, फतेहाबाद जिले में 9.35 फीसदी की कमी हुई है। करनाल और
कुरुक्षेत्र में भी 7-7 प्रतिशत पेंडिंग केस कम हुआ है। 5 जिलों में मामूली
सुधार हुआ है।
इन जिलों में बढ़ गई पेंडेंसी
मेवात में 15 दिसंबर तक जो पेंडेंसी 11.91 फीसदी थी, वह अब बढ़कर 35.69 पर
पहुंच गई है। रेवाड़ी में 15 दिसंबर तक 20.17 फीसदी केसों की जांच बाकी थी,
लेकिन यह संख्या घटने की बजाए 25.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है।