BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

    Breaking News

    ब्रेकिंग न्यूज़
     
  1. इजराइल में केरल के 7,000 लोग, विजयन ने जयशंकर को लिखा पत्र
  2. लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हुए रमेश बिधूड़ी
  3. यूपी के 100 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ होने पर पीएम ने सराहा
  4. प्रभास-स्टारर ‘सालार पार्ट 1 – सीजफायर’ की टक्कर शाहरुख की ‘डंकी’ से, 22 दिसंबर को होगी रिलीज
  5. भारत के साथ रचनात्मक व गंभीर जुड़ाव जारी रखना बेहद महत्वपूर्ण: ट्रूडो
  6. बलात्कार पीड़िता ने कर लिया आत्मदाह, चार दिनों के संघर्ष के बाद हॉस्पिटल में ली आखिरी सांस
  7. सरकार ने अरुणाचल और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफ्सपा को 1 अक्टूबर से 6 महीने के लिए बढ़ाया
  8. खालिस्तानी आतंकवादियों, समूहों के खिलाफ एनआईए की देशव्यापी छापेमारी
  9. यूक्रेनी नाजी इकाई के लड़ाके को ‘हीरो’ कहने वाले कनाडाई संसद के अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
  10. ‘कैंपस बीट्स’ पर शांतनु माहेश्वरी ने कहा, ‘डांस के प्रति मेरे जुनून और प्यार ने मुझे आगे बढ़ाया
  11. यूपी के निजी क्लिनिक में एसी चालू छोड़ने से ठंड से दो नवजात की मौत, डॉक्टर गिरफ्तार
  12. एक्स पर मासिक शुल्‍क की खबरों के बाद डोरसी के ब्लूस्काई पर यूजर बढ़े
  13. कर्नाटक बीजेपी टिकट घोटाला: पूछताछ के दौरान महिला हिंदू कार्यकर्ता बेहोश
  14. 24 घंटे में साइबर ठगों ने उड़ाए 82 लाख रुपये
  15. ओरेकल व माइक्रोसॉफ्ट ने ग्राहकों को क्लाउड पर मदद करने को संबंधों का किया विस्तार
 
 

अंतरिक्ष यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को हो सकता है खतरा : अध्ययन

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 28 अगस्त 2023, 2:56 PM IST
अंतरिक्ष यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को हो सकता है खतरा : अध्ययन
Read Time:4 Minute, 47 Second

अंतरिक्ष यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को हो सकता है खतरा : अध्ययन

एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाएं काफी हद तक प्रभावित हो सकती हैं। अंतरिक्ष में बेहद प्रतिकूल वातावरण है जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली पर खतरा रहता है जो पृथ्वी पर लौटने के बाद भी बना रहता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी उन्हें संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है और शरीर में गुप्त वायरस के पुनः सक्रिय होने का कारण बन सकती है।

स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के माइक्रोबायोलॉजी, ट्यूमर और सेल बायोलॉजी विभाग में प्रमुख शोधकर्ता लिसा वेस्टरबर्ग ने कहा, “यदि अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित अंतरिक्ष अभियानों से गुजरने में सक्षम होना है, तो हमें यह समझने की जरूरत है कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रभावित होती है और इसमें होने वाले हानिकारक परिवर्तनों का मुकाबला करने के तरीके खोजने की कोशिश करें।”

वेस्टरबर्ग ने कहा, “अब हम यह जांच करने में सक्षम हो गए हैं कि भारहीन स्थितियों के संपर्क में आने पर टी-कोशिकाओं का क्या होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर डालती है।”

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष के वातावरण की तरह ही एक विधि का उपयोग कर अंतरिक्ष में भारहीनता का अनुकरण करने का प्रयास किया है। इसमें एक कस्टम-निर्मित वॉटरबेड शामिल है जो शरीर को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि यह भारहीन स्थिति में है।

शोधकर्ताओं ने नकली भारहीनता के संपर्क में आने के तीन सप्ताह तक आठ स्वस्थ व्यक्तियों के रक्त में टी-कोशिकाओं की जांच की। प्रयोग शुरू होने से पहले और शुरू होने के 7 से 14 और 21 दिन बाद, वहीं प्रयोग समाप्त होने के सात दिन बाद रक्त विश्लेषण किया गया।

उन्होंने पाया कि 7 और 14 दिनों की भारहीनता के बाद टी-कोशिकाओं ने अपनी जीन अभिव्यक्ति को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया। यानी, कौन से जीन सक्रिय थे और कौन से नहीं। कोशिकाएं अपने आनुवंशिक कार्यक्रम में अधिक अपरिपक्व हो गईं। इसमें सबसे ज्यादा असर 14 दिन बाद देखने को मिला।

इंस्टीट्यूट के माइक्रोबायोलॉजी, ट्यूमर और सेल बायोलॉजी विभाग में डॉक्टरेट छात्र कार्लोस गैलार्डो डोड ने कहा, “टी कोशिकाएं अधिक तथाकथित अनुभवहीन टी-कोशिकाओं से मिलती-जुलती थीं, जिन्होंने अभी तक किसी बाहरी चीज का सामना नहीं किया है। इसका मतलब यह हो सकता है कि उन्हें सक्रिय होने में अधिक समय लगता है और इस प्रकार ट्यूमर कोशिकाओं और संक्रमणों से लड़ने में कम प्रभावी हो जाते हैं। हमारे परिणाम नए उपचारों का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं के आनुवंशिक कार्यक्रम में इन परिवर्तनों को उलट देंगे”

21 दिनों के बाद टी-कोशिकाओं ने अपनी जीन अभिव्यक्ति को भारहीनता के लिए “अनुकूलित” कर लिया था ताकि यह लगभग सामान्य हो जाए, लेकिन प्रयोग समाप्त होने के सात दिन बाद किए गए विश्लेषण से पता चला कि कोशिकाओं में कुछ बदलाव फिर से आ गए थे।

0 0
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleppy
Sleppy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *