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जी-20 देश महामारी में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेंगे

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अपडेटेड 24 जून 2021, 12:12 PM IST
जी-20 देश महामारी में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेंगे
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जी-20 देश महामारी में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेंगे

नई दिल्ली, 24 जून (बीएनटी न्यूज़)| जी-20 देशो के शिक्षा मंत्रियों ने कोविड-19 के दौर में शैक्षणिक गरीबी और असमानताओं के खिलाफ पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस बैठक की मेजबानी इटली ने मिश्रित रूप में की। भारत की ओर से केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। यहां मंत्रियों ने मिश्रित शिक्षा के माध्यम से शिक्षा विधियों की निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महामारी के दौरान कार्यान्वित नवीन अनुभवों को साझा करने का भी संकल्प लिया।

भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए संजय धोत्रे ने शैक्षणिक गरीबी, असमानताओं और जल्दी स्कूल छोड़ने के मामलों में कमी लाने और अंतत इसे दूर करने के प्रति देश की प्रतिबद्धता दोहराई।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों से बच्चों और युवाओं, विशेष रूप से लड़कियों पर विशेष ध्यान देने के साथ समान और समावेशी शिक्षा की कल्पना की गई है। इन वर्गों के पीछे छूटने का सबसे ज्यादा खतरा है।

धोत्रे ने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली ने शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक और सामाजिक श्रेणी में अंतर को दूर करने के लिए कई उपायों के माध्यम से इस दिशा में लगातार प्रगति की है। इनमें स्कूलों की क्षमता में सुधार, स्कूल न जाने वाले बच्चों पर ध्यान देने, कमजोर विद्यार्थियों के शिक्षा परिणामों की निगरानी, शारीरिक सुरक्षा और बच्चों के अधिकारों की अवहेलना पर कोई कोताही नहीं बरतने, बच्चों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए मध्याह्न् भोजन सुनिश्चित करने, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए सक्षम तंत्र, विभिन्न शिक्षा विधियों को प्रोत्साहन और मुक्त व दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत बनाना शामिल हैं।

महामारी के दौरान शैक्षणिक निरंतरता सुनिश्चित करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने बड़े स्तर पर मिलीजुली शिक्षा को प्रोत्साहन दिया है। ‘दीक्षा’, ‘स्वयं’ जैसे विभिन्न ई-लर्निग प्लेटफॉर्म पर डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गई है। कोई भी, किसी भी समय और कहीं भी इसका लाभ हासिल कर सकता है।

पारंपरिक शिक्षा में स्वीकृत ऑनलाइन कम्पोनेंट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। 100 से ज्यादा शीर्ष रैंक प्राप्त विश्वविद्यालयों को पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी गई है। डिजिटल अंतर को पाटने के क्रम में, भारत स्वयंप्रभा टीवी चैनलों और कम्युनिटी रेडियो का व्यापक इस्तेमाल कर रहा है।

डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा को सहायता देने के लिए एनईपी 2020 के तहत एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच की स्थापना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार मनोदर्पण और अन्य परामर्श कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने पर भी विशेष ध्यान दे रही है।

धोत्रे ने कहा कि भारत शैक्षणिक गरीबी, असमानता और जल्द स्कूल छोड़ने में कमी लाने के लिए जी-20 देशों के सामूहिक प्रयासों में अपने समर्थन की पुष्टि करता है। भारत शिक्षा जारी रखना सुनिश्चित करने के लिए महामारी के दौरान मिले सबकों के आधार पर मिलीजुली शिक्षा पहलों में सुधार और मजबूत बनाने के लिए जी-20 देशों के सामूहिक प्रयासों को भी समर्थन देता है।

शिक्षा मंत्रियों ने बैठक के अंत में एक घोषणापत्र को भी स्वीकार किया। बाद में शिक्षा मंत्रियों और श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की वर्चुअल माध्यम से एक संयुक्त बैठक भी हुई। जी-20 मंत्रियों ने स्कूल से काम पर जाने के रुझान पर विचारों का आदान प्रदान किया।

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