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बीएसएफ ने 2021 में बंगाल सीमा पर तस्करी की शिकार 33 महिलाओं को छुड़ाया

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अपडेटेड 17 जनवरी 2022, 6:18 PM IST
बीएसएफ ने 2021 में बंगाल सीमा पर तस्करी की शिकार 33 महिलाओं को छुड़ाया
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बीएसएफ ने 2021 में बंगाल सीमा पर तस्करी की शिकार 33 महिलाओं को छुड़ाया

नई दिल्ली, 17 जनवरी (बीएनटी न्यूज़)| भारत के प्रमुख सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सीमा पर मानव तस्करी रोधी तंत्र को बढ़ाकर उसने 2021 में 33 महिलाओं को छुड़ाया, जिनमें से 28 महिलाएं और पांच नाबालिग लड़कियां हैं। इस दौरान 33 तस्करों और दलालों को भी पकड़ा गया।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने अपने सीमा क्षेत्र में मानव तस्करी के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करते हुए 15 जनवरी, 2021 को ‘मानव तस्करी रोधी इकाइयों’ को मानव तस्करी की पीड़िताओं को बचाने और दलालों को पकड़ने के लिए तैनात किया गया था।

बल ने तस्करी रोधी प्रणाली के बारे में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का विवरण साझा करते हुए यह भी कहा कि सीमा पर संवेदनशील क्षेत्र में मानव तस्करी-रोधी इकाई की तैनाती के बाद मानव तस्करी के मामलों में काफी कमी आई है। लेकिन इसे खत्म करने के लिए अभी और समय चाहिए।

मानव तस्करी के मामलों को जड़ से खत्म करने के लिए जितना जरूरी दलालों (खरीदारों) को सलाखों के पीछे डालना है, उतना ही जरूरी है कि गरीब और मासूम लड़कियों को मानव तस्करी के जघन्य कृत्य के बारे में जागरूक किया जाए।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के वरिष्ठ प्रवक्ता और डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा, लड़कियों या महिलाओं को इन मानव तस्करों के प्रलोभन से सतर्क रहना चाहिए।

डीआईजी गुलेरिया ने यह भी कहा कि ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि मानव तस्कर गरीब मासूम लड़कियों (महिलाओं) को ब्यूटी पार्लर, बार डांसर, जिम में हेल्पर, मसाज पार्लर, वेटर वर्क, हाउस मेड जैसी अच्छी नौकरी का वादा करके पैसे कमाने का लालच देते हैं और उन्हें वेश्यावृत्ति के अमानवीय व्यवसाय में धकेल देते हैं। दलाल उनका फायदा उठाते हैं।

बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक महत्वपूर्ण अंग ‘एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट’ की स्थापना के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रहकर और संवेदनशील बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखते हुए मानव तस्करी को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है।

दक्षिण बंगाल फंट्रियर के डीआईजी ने यह भी कहा कि मानव तस्करी में शामिल दलाल बांग्लादेश की गरीब और भोली-भाली लड़कियों या युवतियों को अच्छी नौकरी और पैसे के लालच में सीमा पार लाते हैं और उन्हें वेश्यावृत्ति जैसे घिनौने काम में धकेल देते हैं।

गुलेरिया ने आगे कहा, “इन दिनों सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ बहुत सख्त कदम उठा रही है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक के नेतृत्व में सभी मानव तस्करी-रोधी इकाइयों को सीमा पर तैनात किया गया है। इन इकाइयों का मुख्य उद्देश्य है मानव तस्करी में शामिल सभी सिंडिकेट को पकड़कर उन्हें कानून के हवाले करना और सलाखों के पीछे डालना।”

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