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अपराधियों से प्रताड़ित लोगों के मानवाधिकारों की भी चिंता होनी चाहिए – अमित शाह

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अपडेटेड 05 अप्रैल 2022, 2:54 PM IST
अपराधियों से प्रताड़ित लोगों के मानवाधिकारों की भी चिंता होनी चाहिए – अमित शाह
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अपराधियों से प्रताड़ित लोगों के मानवाधिकारों की भी चिंता होनी चाहिए – अमित शाह

नई दिल्ली, 5 अप्रैल (बीएनटी न्यूज़)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दल लूट – खसोट और बलात्कार करने वालों के मानवाधिकार की चिंता करते हैं, जबकि इन अपराधियों से प्रताड़ित होने वाले पीड़ितों के भी मानवाधिकारों की चिंता होनी चाहिए।

सोमवार को लोक सभा में दण्ड प्रक्रिया ( पहचान ) विधेयक 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक सजा की दर बढ़ाने और देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लाया गया है। यह बिल किसी भी तरह के दुरुपयोग के लिए नहीं लाया गया है और न ही इसकी वजह से इकट्ठा होने वाले डेटा का कोई दुरुपयोग किया जा सकता है। चर्चा के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया।

इससे पहले, उन्होंने धर्म के आधार पर बिल का विरोध करने पर पलटवार करते हुए कहा इसमें कहीं भी अल्पसंख्यक समुदाय का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी धर्म और जाति के नाम पर तुष्टिकरण कर देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया। विरोधी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि बार-बार धर्म की आड़ लेकर हमारी आलोचना करके कोई हमें डरा नहीं सकता है। देश के खिलाफ काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी ही, क्योंकि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी देश की जनता ने हमें दी है।

शाह ने विरोधी दलों द्वारा शासित राज्यों -महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी सरकारों ने 102 साल पुराने 1920 के बंदी शिनाख्त अधिनियम को बदलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इस विधेयक पर राय मांगी थी, लेकिन केवल 10 राज्यों ने ही केंद्र सरकार को अपनी राय भेजी।

अमित शाह ने दुनिया के कई देशों के साथ भारत की तुलना करते हुए और एनसीआरबी डेटा का जिक्र करते हुए कहा कि यह बिल लाना समय की जरूरत थी और इसमें पहले ही काफी देरी हो गई है। उन्होंने तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में थर्ड पार्टी या निजी पार्टी शामिल नहीं होगी।

शाह ने आगे कहा कि सरकार जेल के कैदियों के लिए भी एक मॉडल एक्ट बना रही है जो राज्य सरकारों को भेजा जाएगा, जिससे कई तरह की चिंताएं दूर हो जाएगी।

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