ममता ने धनखड़ को बताया भ्रष्ट, राज्यपाल ने किया पलटवार
कोलकाता, 29 जून (बीएनटी न्यूज़)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच वाकयुद्ध सोमवार को उस समय चरम पर पहुंच गया, जब मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का नाम 1996 के हवाला जैन मामले में था। आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए, धनखड़ ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से गलत बयानबाजी और असत्य पर आधारित सनसनी में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी।
ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राष्ट्रपति को तीन बार पत्र लिखे हैं।
बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक भ्रष्ट व्यक्ति करार दिया और उनकी हाल की उत्तर बंगाल यात्रा के उद्देश्य पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के उत्तरी हिस्से को विभाजित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, वह एक भ्रष्ट आदमी हैं। उनका नाम 1996 के हवाला जैन मामले के आरोप पत्र में था। केंद्र सरकार ने राज्यपाल को इस तरह से बने रहने की अनुमति क्यों दी है?
बनर्जी ने कहा कि धनखड़ का उत्तर बंगाल दौरा एक राजनीतिक हथकंडा था, क्योंकि वह केवल भाजपा के विधायकों और सांसदों से मिले थे।
बनर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा, उन्होंने अचानक उत्तर बंगाल का दौरा क्यों किया? मुझे उत्तर बंगाल को बांटने के षड्यंत्र का आभास हो रहा है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने हालांकि यह भी कहा कि वह संविधान के अनुसार, उनसे मिलना, उनसे बातचीत करना और सभी शिष्टाचार का पालन जारी रखेंगी।
हालांकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया और ममता बनर्जी पर पलटवार किया।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे उम्मीद नहीं थी की वे सनसनी फैलाने के लिए गलत जानकारी देंगी और गलत तरीके से प्रस्तुत करेंगी।
उन्होंने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि आपके राज्यपाल को चार्जशीट नहीं किया गया है। ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। यह गलत सूचना है। मैंने हवाला चार्जशीट में किसी कोर्ट से स्टे नहीं लिया है, क्योंकि यह था ही नहीं।
उन्होंने कहा कि यशवंत जी (यशवंत सिन्हा) हवाला केस में चार्जशीट में थे, इसलिए ममता बनर्जी को उनसे चर्चा करनी चाहिए। क्या उनको (ममता बनर्जी) जनादेश इन बातों के लिए मिला है कि सभी संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट किया जाए। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
इसके साथ ही धनखड़ ने मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा, मीडिया को ऐसे संकोच वाले अंदाज में देखकर मैं हैरान हूं। जिन लोगों के नाम चार्जशीट में हैं, उनके बारे में कोई सवाल क्यों नहीं पूछा गया। उन्होंने इसे मीडिया की दयनीय स्थिति करार दिया।