BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

    Breaking News

    ब्रेकिंग न्यूज़
     
  1. इजराइल में केरल के 7,000 लोग, विजयन ने जयशंकर को लिखा पत्र
  2. लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हुए रमेश बिधूड़ी
  3. यूपी के 100 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ होने पर पीएम ने सराहा
  4. प्रभास-स्टारर ‘सालार पार्ट 1 – सीजफायर’ की टक्कर शाहरुख की ‘डंकी’ से, 22 दिसंबर को होगी रिलीज
  5. भारत के साथ रचनात्मक व गंभीर जुड़ाव जारी रखना बेहद महत्वपूर्ण: ट्रूडो
  6. बलात्कार पीड़िता ने कर लिया आत्मदाह, चार दिनों के संघर्ष के बाद हॉस्पिटल में ली आखिरी सांस
  7. सरकार ने अरुणाचल और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफ्सपा को 1 अक्टूबर से 6 महीने के लिए बढ़ाया
  8. खालिस्तानी आतंकवादियों, समूहों के खिलाफ एनआईए की देशव्यापी छापेमारी
  9. यूक्रेनी नाजी इकाई के लड़ाके को ‘हीरो’ कहने वाले कनाडाई संसद के अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
  10. ‘कैंपस बीट्स’ पर शांतनु माहेश्वरी ने कहा, ‘डांस के प्रति मेरे जुनून और प्यार ने मुझे आगे बढ़ाया
  11. यूपी के निजी क्लिनिक में एसी चालू छोड़ने से ठंड से दो नवजात की मौत, डॉक्टर गिरफ्तार
  12. एक्स पर मासिक शुल्‍क की खबरों के बाद डोरसी के ब्लूस्काई पर यूजर बढ़े
  13. कर्नाटक बीजेपी टिकट घोटाला: पूछताछ के दौरान महिला हिंदू कार्यकर्ता बेहोश
  14. 24 घंटे में साइबर ठगों ने उड़ाए 82 लाख रुपये
  15. ओरेकल व माइक्रोसॉफ्ट ने ग्राहकों को क्लाउड पर मदद करने को संबंधों का किया विस्तार
 
 

किसान आंदोलन के कारण सड़केंअवरुद्ध होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा : ‘हल खोजें’

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 24 अगस्त 2021, 12:15 PM IST
किसान आंदोलन के कारण सड़केंअवरुद्ध होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा : ‘हल खोजें’
Read Time:4 Minute, 34 Second

किसान आंदोलन के कारण सड़केंअवरुद्ध होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा : ‘हल खोजें’

नई दिल्ली, 24 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध की पृष्ठभूमि में दिल्ली-एनसीआर में सड़कों की नाकेबंदी का समाधान खोजने को कहा। नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने दिल्ली-नोएडा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा की गई सड़क नाकेबंदी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

यह कहते हुए कि वह एक अकेली माता-पिता हैं और उन्हें कुछ चिकित्सीय समस्याएं भी थीं, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उनकी दिल्ली की यात्रा में सामान्य 20 मिनट के बजाय दो घंटे लग रहे थे।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को एक निर्दिष्ट स्थान पर विरोध करने का अधिकार है, लेकिन वे यातायात के बहिर्वाह और प्रवाह को रोक नहीं सकते।

पीठ ने कहा, “समाधान भारत संघ और राज्य सरकारों के हाथों में है।”

शीर्ष अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “आपको एक समाधान खोजना होगा, उन्हें आंदोलन करने के लिए जगह का अधिकार हो सकता है, लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है।”

पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 सितंबर को निर्धारित किया। पीठ ने मेहता से कहा, “अब आपके पास पर्याप्त समय है। कृपया कुछ काम करें।”

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि इस समय क्षेत्र के चारों ओर 141 टेंट और 31 लंगर हैं, प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर एक मंच स्थापित किया है, जहां से नेता भाषण देते हैं, और फ्लाईओवर के नीचे एक मीडिया हाउस भी बनाया गया है।

कहा गया है, “इस समय क्षेत्र में लगभग 800-1,000 प्रदर्शनकारी हैं, हालांकि, आसपास के कस्बों और गांवों से 15,000 प्रदर्शनकारियों की भीड़ घंटों के भीतर इकट्ठा होती है।”

राज्य सरकार ने कहा कि 26 मार्च, 2021 को शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, पुलिस और राज्य प्रशासन ने अदालत द्वारा पारित आदेशों के साथ प्रदर्शनकारियों/किसानों से संपर्क किया है और उन्हें मार्ग अवरुद्ध करने के ‘उनके घोर अवैध कार्य’ के बारे में समझाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। सार्वजनिक सड़कें बंद होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है।

“प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या राज्य के विभिन्न जिलों के बहुत पुराने और वृद्ध किसान हैं, जिन्हें कोविड-19 लहर के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। हस्तक्षेप के प्रयास अभी भी जारी हैं।”

इससे पहले, अदालत ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों से उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था, जिसमें केंद्र और अन्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी कि नोएडा से दिल्ली के बीच सड़क को साफ रखा जाए, ताकि मार्ग की अनुमति दी जा सके।

किसान पिछले नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने 12 जनवरी को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर रोक लगा दी थी।

0 0
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleppy
Sleppy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *